Sunday, May 19, 2024
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तब्लीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ दर्ज केस होंगे वापस


मुंबई ————– मुंबई में तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के खिलाफ अंधेरी में 20 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दर्ज हत्या और हत्या की कोशिश का मामला वापस लिया जाएगा। मुंबई पुलिस ने स्थानीय अदालत को यह जानकारी दी है। बता दें कि डीएन नगर पुलिस स्टेशन में 10 इंडोनेशियाई और किर्गिस्तान के 10 नागरिकों के खिलाफ अप्रैल में दो मामले दर्ज किए गए थे। इन दोनों मामलों के खिलाफ 20 विदेशी नागरिकों ने डिंडोशी के सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि अतिरिक्त प्रमुख न्यायाधीश ने विदेशी नागरिकों की याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा था कि उनके मामलों की सुनवाई किसी अन्य अदालत में की जाए। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले की सुनवाई एक महीने के अंदर पूरी करने का आदेश दिया था। पिछले महीने दोनों अलग-अलग मामलों को एक अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। अतिरिक्त प्रमुख न्यायाधीश के समक्ष अपनी याचिका में विदेशी नागरिकों ने कहा कि उनकी याचिका पर सुनवाई कई बार इसलिए स्थगित कर दी गई, क्योंकि अदालत अन्य जरूरी मामलों की सुनवाई में व्यस्त थी। मामले की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एसएस सावंत ने कहा, लॉकडाउन के कारण ये 20 विदेशी भारत में रुके हुए हैं। ऐसे में इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए। विदेशी नागरिकों की ओर से पेश वकील अमीन सोलकर ने कहा कि भारत में जिन विदेशियों पर मामला दर्ज किया गया है, वह अपनी पत्नियों के साथ भारत घूमने आए थे। ये सभी विदेशी अपने पीछे परिवार को छोड़कर यहां आए हैं और कोरोना में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनके मामलों पर तत्काल आधार पर फैसला नहीं किया जाता है, तो उन्हें भविष्य में कई तरह की कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा इस मामले का एक महीने के भीतर फैसला किया जाना चाहिए।बता दें कि पिछले महीने, बांद्रा पुलिस ने 12 इंडोनेशियाई नागरिकों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे। इन मामलों में कहा गया था कि आरोपियों के खिलाफ इन दो मामलों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे। यह आरोप उन आरोपों से संबंधित हैं, जिनके कारण शहर में कोविड-19 के मामले बढ़े और कई लोगों की मौत हो गई। 20 विदेशी नागरिकों ने अदालत के समक्ष डिस्चार्ज आवेदनों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि ये धाराएं उनके खिलाफ नहीं बनाई गई हैं। पुलिस द्वारा दायर किए गए अपने जवाब में यह प्रस्तुत किया गया था कि उनके खिलाफ दर्ज हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों को हटा दिया जाएगा, लेकिन उन पर लॉकडाउन और वीजा नियमों का कथित उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया जाएगा। पिछले महीने बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने 29 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दायर की गई एफआईआर को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ उल्लंघन का कोई सबूत नहीं था और उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान संवेदनशील व्यवहार करने के बजाय बलि का बकरा बना दिया गया और जेल भेज दिया गया।बता दें कि फरवरी और मार्च में भारत आए तब्लीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ मुख्य रूप से विदेशी नागरिकों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं।

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