वैधानिक रोक के बावजूद होता है हरिजन शब्द का सरकारी कार्यो में उपयोग, बहादराबाद ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट की रोक का किया खुला उल्लंघन – जानिये पूरी खबर
संजय खटाना
हरिद्वार ——
हरिजन शब्द पर देश के सर्वोच्य न्यायलय ने रोक लगा रखी है. पर फिर भी कुछ ऐसे अधिकारी कर्मचारी है। जिनको इस आदेश से कोई फर्क नही पड़ता. बोलना तो दूर की बात है। सरकारी कागजो में इस्तेमाल करते है । उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले में बहादराबाद ब्लॉक के कार्यालय में एक बार नही बार बार इसका प्रयोग किया जाता है। जबकि प्रमुख खुद अनुसूचित जाति से है और ब्लॉक में तकनीकी कार्यो की देखभाल करने वाले अवर अभियंता भी इसी वर्ग से आते है। पिछले दिनों ब्लॉक ने राज्य वित्त की निधि से कुछ टेण्डर अख़बारों में निकाले जिनमे एक कार्य का नाम लिखा बोंगला गांव में हरिजन बस्ती से सोम हरिजन के घर तक । ये ही प्रस्ताव में लिखा गया और ये ही तकनीकी व बजट स्वीकृति में लिखा गया। ये फाइल बी0 डी0 ओ 0 से लेकर सी0 डी0 ओ0 तक कई अधिकारियो व कर्मचारियों के हाथ से गुजरी । लेकिन सब मस्त रहे किसी ने विरोध नही किया सुप्रिम कोर्ट के आदेश इन के लिए कोई मायने नही रखते मौजूद बी0 डी0 ओ0 के संज्ञान में मामला लाया भी गया। तो कहा कि प्रमुख साहब को देखना था या अवर अभियंता को भी देखना था। कोई बात नही खण्डन छपवा दिया जायेगा । लेकिन दो हफ्ते बीत गये बी0 डी0 ओ0 के मामले के संज्ञान में आने पर अब तक खण्डन भी प्रकाशित नही कराया गया।
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