कलयुग के प्रभाव से बढ़ती है अशांति: सेमवाल
रुड़की
ज्योतिष गुरुकुलम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने कलयुग के प्रभावों का वर्णन किया। कहा कि कलयुग के प्रभाव के कारण आज चारों ओर अशांति दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि मनुष्यों के अंदर अहंकार, छल-कपट, काम, क्रोध और लोभ का वास हो गया। जिससे समाज में विकृति उत्पन्न हो रही है। स्वर्ण में कलयुग का वास है। राजा परीक्षित भी कलयुग के प्रभाव के कारण घरबार छोड़कर भगवान की शरण में गए थे। कलयुग के प्रभाव को दूर करने के लिए निरंतर भक्ति, भगवान के नाम का कीर्तन, जप और ध्यान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कलयुग में भक्ति प्रधान है। श्रीकृष्ण की भक्ति से जीवन सफल होता है। कथा में सुलक्षणा सेमवाल, अदिति सेमवाल, राधा भटनागर, चित्रा गोयल, संजीव शास्त्री, इंद्रमणि सेमवाल, नरेश शास्त्री, संगीता भारद्वाज, नरेंद्र भारद्वाज और प्रतीक्षा आदि मौजूद रहे।