उर्स की सबसे बड़ी अहम रस्म कुल शरीफ अदा की
रुड़की। साबिर पाक के 755 वें सालाना उर्स में कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। इसके बाद देश में अमनो अमान की दुआ की गई। हजरत साबिर पाक के सालाना उर्स की सबसे बड़ी और अहम रस्म कुल शरीफ सज्जादा नशीन शाह अली एजाज साबरी कुद्दुशी ने महफिल खाने में अदा कराई। उनके साथ साहिबजादा शाह यावर अली, शाह खालिक मियां और उनके परिवार के लोग मौजूद रहे। कुल शरीफ की शुरुआत दरगाह साबिर पाक की जामा मस्जिद के इमाम हाफिज सऊद साबरी ने तिलावते कुरआन शरीफ से की। कुल शरीफ की रस्म में हजरत साबिर पाक का सजरा शरीफ पढ़ा गया। इसके बाद तमाम अकीदतमंदों के लिए सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी ने बड़े जज्बे के साथ सभी जायरीनों के लिए और देश में अमनो अमान की दुआ कराई। कुल शरीफ में पाकिस्तानी जायरीन और देश के कोने-कोने से आए जायरीनों और सूफियों ने हिस्सा लिया। इसके बाद महफिले शमां का आयोजन किया गया।