31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाना शुभ
रूड़की। इस वर्ष रक्षाबंधन के भद्रा काल में पड़ने से लोगों में बहुत बड़े संशय की स्थिति उत्पन्न हो रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रक्षाबंधन भद्रा काल में करने से अनिष्ट होता है । ज्योतिषाचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया की रक्षाबंधन पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार पूर्णिमा तिथि की 30 अगस्त पूर्वान्ह 11:00 बजे से शुरू होकर 31 अगस्त को प्रात 7:05 पर समाप्त होगी। बताया कि पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होने के साथ ही भद्र भी प्रारंभ हो जाएगी। भद्र रात्रि 9:00 बजे समाप्त हो रही है। इसलिए 30 अगस्त को भद्र समाप्ति के पश्चात रक्षाबंधन पर्व मनाने का निर्देश दिया गया है। शास्त्र निर्देशानुसार रात्रि काल में रक्षाबंधन का पर्व मनाना उचित नहीं होता है। इसलिए 30 अगस्त की शाम को लगभग 5:30 बजे से 6:30 के बीच भद्रा पूंछ काल में भी यह पर्व मनाया जा सकता है। इसके अलावा 31 को प्रात 7:00 बजे तक उदय व्यापिनी पूर्णिमा होने से इस समय में भी कुछ विद्वानों ने रक्षाबंधन का विधान करने का निर्देश दिया है। अधिकांश विद्वानों ने 30 अगस्त रात्रि लगभग 9:00 बजे भद्र समाप्ति के पश्चात ही रक्षा बंधन करने का निर्देश दिया है।