हिमाचल में बाढ़ प्रभावितों को बचाने उतरी एयरफोर्स, संभाला मोर्चा
शिमला
हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से प्रभावितों को बचाने के लिए अब उत्तरी एयरफोर्स ने मोर्चा संभाल लिया है। यहां भारी बारिश, लैंडस्लाइड और बाढ़ से ग्रसित इलाकों में राहत और बचाव के काम के लिए अब सेना मैदान में उतर आई है। कांगड़ा से लेकर शिमला तक एयरफोर्स और सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। शिमला में 18 फौजी जवानों और एक मिनी डोजर को एयरफोर्स के हैलीकॉप्टर चिनूक ने एयरलिफ्ट किया। चिनूक हैलीकॉप्टर शिमला के अन्ना डेल मैदान में उतरा और यहां पर मशीनर को भी छोड़ा गया है। मिली जानकारी के अनुसार, कांगड़ा जिले में पौंग डैम के गेट खोलने की वजह से फतेहपुर और मंड का इलाका पानी में डूब गया है। यहां पर रेस्क्यू अभियान चलाया गया है। कुल 800 के करीब लोगों को बाढ़ प्रभावति इलाकों से निकाला गया है। यहां पर एयरफोर्स के दो हैलीकॉप्टर लगाए गए हैं। फिलहाल, शिमला में भी शिव मंदिर में भूस्खलन में मलबा हटाने के लिए सेना ने मोर्चा संभाला है।
यहां पर बुधवार को तीसरे दिन राहत और रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। कांगड़ा डीसी निपुण जिंदल ने बताया कि कांगडा में अब तक कुल 766 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें 213 को चॉपर, 422 लोगों को बोट तथा 131 लोगों को अन्य माध्यमों से निकाला गया है। इसमें आर्मी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, क्यूआरटी सहित पुलिस की टीमों की मदद से राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इंदोरा में वायुसेना के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किए गए 71 लोगों में से पिछले 10 महीने से ब्रेन हैमरेज से बीमार मंड घंडरा की 68 वर्षीय श्रोती देवी को रेस्क्यू किया गया। वहीं 1 माह की बच्ची मनुश्री को उसकी मां आशा रानी के साथ निकाला गया, जबकि पराल की ज्योति देवी को उनके 8 दिन के बेटे लवयांश तथा 8 माह की गर्भवती गीता को एयरलिफ्ट किया गया।