Tuesday, May 21, 2024
उत्तराखंड

अखाड़े के प्रति अनर्गल बयानबाजी सहन नहीं की जाएगी: महंत दुर्गादास

हरिद्वार। श्रीपंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गादास ने कहा कि अखाड़ें परम्पराओं एवं बॉयलॉज के अनुसार संचालित होते हैं। परम्पराओं का विशेष ध्यान संत-महापुरूषों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनर्गल बयानबाजी कर अखाड़े की छवि को धूमिल करना चाहते हैं। प्रेस वार्ता कर दुर्गादास ने आरोप लगाया कि कुछ संत स्वार्थ के चलते भूमाफियाओं के साथ साठगांठ कर भूमि की खरीद-फरोख्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पद पर रहते हुए प्राइवेट कार्यों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप संतों का नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंच परमेश्वर ही सोच-समझकर न्याय संगत फैसले लेते हैं लेकिन इन संतों द्वारा अखाड़े की परम्पराओं को नष्ट करने का काम किया जा रहा था। इस मौके पर महंत जयेन्द्र मुनि, महंत प्रेम दास, महंत गोविन्द दास, महंत बलवन्त दास, महंत केवलानन्द, महंत शिवालय नन्द, महंत विष्णुदास, महंत मुरली दास आदि उपस्थित रहे।
सवाल उठाए, सीबीआई जांच हो:  दुर्गादास ने कोठारी महंत मोहनदास के गायब होने पर भी सवाल उठाये। कहा कि इस मामले की भी निष्पक्ष सीबीआई जांच होनी चाहिए। जो भी आरोपी हैं उनके चेहरे सामने लाये जाए। महंत दुर्गादास ने कहा कि 500 वर्षों से परम्पराएं चलती आ रही है। अखाड़े की जमीन बिना प्रस्ताव व अनुमति के कोई भी नहीं ले सकता है। चेतावनी देते हुए कहा कि भ्रम फैलाना बंद करे। अखाड़े की छवि को धूमिल न करें।

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