Saturday, May 18, 2024
देशसमाचार

ईडी से भयभीत भूपेश

 

भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं। वर्ष 2018 मंे कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भाजपा से छीन लिये थे और भाजपा को सबसे बड़ी शिकस्त छत्तीसगढ़ मंे ही मिली थी। यहां पर कांग्रेस की सरकार बनाते समय पार्टी के ही एक अन्य नेता ने दबाव बनाया था, लेकिन अपने राजनीतिक कौशल से भूपेश बघेल ने पूरे पांच साल सरकार चलायी है। इसी साल वहां विधानसभा के चुनाव होने हैं। उससे पहले भूपेश बघेल आबकारी मामले मंे घिरते नजर आ रहे हैं। आबकारी नीति ने दिल्ली मंे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को हिरासत में पहुंचा दिया है, इसीलिए भूपेश बघेल भयभीत हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि प्रवर्तन निदेशालय अर्थात् ईडी राज्य के कथित शराब घोटाले मंे उन्हें फंसाने की साजिश रच रहा है। दरअसल, मामला इसलिए उलझा है कि कुछ शराब विक्रेताओं (डिस्टिलरों) ने बयान दिया है कि वे उत्पाद शुल्क दिये बगैर शराब बेच रहे हैं। यह आर्थिक अपराध का मामला है, इसलिए प्रवर्तन निदेशालय इसकी विवेचना कर रहा है। दिल्ली में भी आबकारी घोटाले मंे मनीष सिसोदिया का नाम पहले दूर-दूर ही था लेकिन बाद मंे चार्जशीट मंे उनका भी नाम आ गया। छत्तीसगढ़ का मामला भी उसी तरह का लग रहा है। यहां शराब घोटाले मंे कांग्रेस ने एक नेता अनवर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। राज्य में कोयला लेबी घोटाले की भी जांच चल रही है। इस मामले में आईएएस समीर बिश्नोई और राज्य प्रशासनिक सेवा की सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया जा चुका है। बघेल जानते हैं कि इन कथित घोटालों का प्रभाव आगामी विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय भाजपा के लोग राज्य के कथित शराब घोटाले में उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहा है। बघेल ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारतीय जनता पार्टी के एजेंट के रूप में काम कर रहा है। उन्होंने कहा, झूठे केस बनाकर लोगों को डरा-धमका कर कथित आबकारी घोटाले में मेरा नाम डालने की कोशिश कर रहे हैं, इनका मूल उद्देश्य (बघेल नीत) सरकार को बदनाम करना है। बघेल ने कहा, भारतीय जनता पार्टी यहां टिक नहीं पा रही है तो ईडी का अपने अधीनस्थ संगठन की तरह दुरुपयोग कर रही है। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि अगर डिस्टिलरों ने यह स्वीकार किया कि वे उत्पाद शुल्क दिए बगैर शराब बेच रहे हैं तो ईडी उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? उन्होंने कहा, ईडी मीडिया ट्रायल के तहत प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रही है और उसमें यह भी कहा गया है कि डिस्टिलर आबकारी शुल्क का भुगतान किए बगैर शराब बेच रहा है। अब सवाल यह उठता है कि बिना आबकारी शुल्क भरे यदि शराब बेच रहा है, तो क्या वह अपराधी गवाह बनेगा। सवाल यह भी है कि उनके खिलाफ कार्यवाई क्यों नहीं की गई? इसमें फायदा तो उन्हीं को मिला है और उन्होंने यह स्वीकार भी किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, उनको कुछ कर नहीं रहे हैं। दूसरे लोगों को पकड़ रहे हैं। इसका मतलब यह है कि ईडी और डिस्टलरों के बीच या फिर डिस्टिलरों और बीजेपी के बीच सांठगांठ हो चुकी है। बघेल ने कहा कि उपरोत तथ्य को संज्ञान में लेकर ही राज्य का एंटी करप्शन ब्यूरो कार्यवाई करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे राज्य में ईडी के अधिकारी पुलिस की तरह विवेचना कर रहे हैं। ईडी का यह कार्य संघीय ढांचे के मूल भावना के विपरीत है। ईडी के अधिकारियों द्वारा की गई समस्त अवैधानिक कार्यवाही को लेकर हम विधि विशेषज्ञों से सलाह मशविरा कर रहे हैं। जल्द ही समुचित कार्रवाई करेंगें। गौरतलब है कि ईडी ने एक सिंडिकेट द्वारा छत्तीसगढ़ में शराब के कारोबार में बड़े पैमाने पर घोटाले का दावा किया है। इसमें राज्य सरकार के अधिकारी, निजी व्यक्ति और राजनीति से जुड़े लोग शामिल हैं। इस घोटाले में 2019-22 के बीच दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का धन अर्जित किया गया। कथित शराब घोटाला मामले में कांग्रेस नेता और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर समेत दो लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। राज्य में ईडी कथित कोयला लेवी से संबंधित एक और मामले की जांच कर रहा है। ईडी के मुताबिक वरिष्ठ नौकरशाहों, राजनेताओं और व्यापारियों से जुड़े एक कार्टेल ने छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध उगाही की है। केन्द्रीय एजेंसी ने कोयला लेवी मामले में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाला मामले में एक होटल व्यवसायी और शराब कारोबारी को गिरफ्तार किया है और 28 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित गिरिराज होटल के प्रमोटर नितेश पुरोहित को और त्रिलोक सिंह ढिल्लों उर्फ पप्पू ढिल्लों को गिरफ्तार किया गया। ईडी ने बताया कि रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने पुरोहित और ढिल्लों को क्रमशः पांच और चार दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर पिछले सप्ताह इस मामले में एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए पहले व्यक्ति थे।
एजेंसी ने अदालत को बताया था कि पुरोहित कथित रूप से ‘अनवर ढेबर के अवैध कार्यों के बारे में जानता था और अनिल टुटेजा (छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी) और एक अन्य व्यक्ति के अपराध में स्वेच्छा से उनकी सहायता करता था। बयान में कहा गया है कि पुरोहित अनवर ढेबर का करीबी सहयोगी था और अवैध रूप से एकत्र किए नकदी के प्रबंधन और उसे लाने ले जाने में शामिल था। वह अनवर ढेबर के निर्देशानुसार नकदी ले जा रहा था। वहीं ढिल्लों की भूमिका के बारे में कहा गया है कि वह धन शोधन के इस क्लासिक मॉडल के माध्यम से अपराध की आय का प्रमुख लाभार्थी था। ढिल्लों की फर्मों के नाम पर 27.5 करोड़ रुपये की सावधि जमा के अलावा 52 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है। ईडी ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की हर बोतल पर अवैध रूप से धन एकत्रित किया गया और अनवर ढेबर की अगुवाई वाले शराब सिंडिकेट द्वारा 2,000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार और धनशोधन किए जाने के सबूत एकत्र किये गए हैं।

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