Friday, May 17, 2024
देशप्रमोशन

बिलावल को जयशंकर का संदेश

 

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की गोवा बैठक मंे पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत से संबंध सुधारने का संकेत न देकर एससीओ के अन्य सदस्य देशों से व्यापारिक रिश्ते मधुर करने का मंतव्य जाहिर किया था। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बिलावल को चेताया है कि किसी से भी रिश्ते मधुर करने के लिए आतंकवाद की नाव पर से उतरना पड़ेगा। जयशंकर ने साफ-साफ कहा कि आज दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है। बिलावल भुट्टो के पाकिस्तान की तरफ संकेत करते हुए कहा कि सीमा पार से आतंकवाद रुकना चाहिए। यहां पर ध्यान देने की बात है कि गत 4 मई को ही जम्मू-कश्मीर के बारामूला मंे सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ मंे दो आतंकवादियों को मार गिराया। इनकी पहचान शाकिर मजीद नजर और हनान अहमद शाह के रूप मंे हुई है। इन दोनों आतंकवादियों के पास से पाकिस्तानी सिगरेट और पाकिस्तानी करेंसी भी बरामद हुई। जाहिर है कि इनका संबंध सीधे-सीधे पाकिस्तान से है। यही संकेत विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बिलावल भुट्टो को दिया है। आतंकवादी किसी के सगे नहीं होते यह तो पाकिस्तान भी समझ चुका होगा। अभी ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान के आठ स्कूली शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। इसलिए पाकिस्तान मंे आतंकवाद की जो नर्सरी उगाई जा रही है, उससे जहरीले फल ही मिलेंगे।
शंघाई सहयोग संगठन की गोवा में बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के सामने आतंकवाद पर जमकर हमला बोला। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद आज दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। सीमा पार से आतंकवाद रुकना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ना एससीओ का मुख्य काम है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज का समय एससीओ में सुधार और आधुनिकीकरण का भी है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी से सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान के हालात पर हमारी नजर है। आतंकवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता है। इसे सीमा पार आतंकवाद सहित इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में रोका जाना चाहिए।
सम्मेलन में एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का एससीओ बैठक में दूर से ही नमस्ते कहकर स्वागत किया। दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई। बिलावल भुट्टो-जरदारी शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में भाग लेने के लिए गोवा पहुंचे हैं और इसके साथ ही वह करीब 12 साल में भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं। यह 2011 के बाद से पड़ोसी देश पाकिस्तान से भारत में पहली ऐसी उच्च स्तरीय यात्रा है। बिलावल ऐसे समय में एससीओ विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत आए, जब सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन सहित कई मुद्दों को लेकर दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) के बीच तनाव जारी है।
आतंकवाद से पाकिस्तान भी त्रस्त है। पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी कबायली जिले में 4 मई को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी की दो अलग-अलग घटनाओं में आठ स्कूली शिक्षकों की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक यह हमले संभावित सांप्रदायिक हिंसा के हो सकते हैं। पुलिस के मुताबिक खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ऊपरी कुर्रम जनजातीय जिले के पाराचिनार मुख्यालय में शालोजान रोड पर कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने तेरी मेंगल जनजाति (सुन्नी जनजाति) से संबंध रखने वाले मुहम्मद शरीफ नामक एक शिक्षक पर हमला कर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने कहा कि इस घटना से टेरी मेंगल आदिवासियों ने शरीफ की हत्या का बदला लेने के लिए उसी जिले के सरकारी तेरी मेंगल हाई स्कूल के स्टाफ रूम पर धावा बोल दिया और तोरी जनजाति (शिया जनजाति) के सात शिक्षकों की हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि सभी शिक्षक अपनी परीक्षा ड्यूटी करने के लिए स्कूल में थे। इस हमले के बाद हमलावर फरार हो गए। किसी समूह या व्यक्ति ने इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन यह क्षेत्र सुन्नियों और शियाओं के बीच सांप्रदायिक संघर्ष के लिए जाना जाता है।
कश्मीर में आतंकियों के साथ साल 2022 में सुरक्षाबलों की 93 मुठभेड़ हुई, जिनमें 172 आतंकी मारे गए। इनमें 42 विदेशी थे। वहीं, आतंकवादियों ने इस साल 29 नागरिकों की हत्या कर दी, जिनमें से 3 कश्मीरी पंडितों सहित 6 हिंदू थे।
कश्मीर के एडीजीपी ने बताया कि मारे गए आतंकियों में सबसे ज्यादा 108 आतंकी आतंकी संगठन लश्कर-ए- तैयबा और इसी से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट के थे। वहीं, जैश-ए-मोहम्मद के 35, हिजबुल-मुजाहिदीन के 22, अल-बद्र के 4 और अंसार गजवत उल-हिंद के 3 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया। एडीजीपी ने बताया कि कश्मीर में इस साल कोई हड़ताल नहीं हुई। न ही हिंसा हुई। खासतौर पर सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की कोई घटना सामने नहीं आई। 2022 में कश्मीर में इंटरनेट बंद नहीं हुआ और न ही किसी आतंकवादी का अंतिम संस्कार से जुड़ा कोई मामला सामने आया है।
घाटी में अब हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ फारूक नल्ली और लश्कर कमांडर रियाज सेत्री को छोड़कर आतंकी संगठनों के सभी प्रमुख और शीर्ष कमांडर मार दिए गए हैं।विजय कुमार ने कहा कि इस साल आतंकवादियों की भर्ती में पिछले साल की तुलना में 37 प्रतिशत की गिरावट हुई है, जो अब तक सबसे ज्यादा है। सबसे अधिक 74 आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए, इनमें से 65 आतंकवादियों को मुठभेड़ में खत्म कर दिया गया। इन 65 में से 58 आतंकी यानी 89 फीसद संगठन में शामिल होने के पहले महीने में ही मार दिए गए। वहीं, 17 आतंकवादी गिरफ्तार किए गए हैं। फिलहाल घाटी में इस साल भर्ती हुए 18 आतंकवादी एक्टिव हैं। सुरक्षाबलों ने इस साल मुठभेड़ों और सर्च ऑपरेशन के दौरान 360 हथियार बरामद किए हैं। इसमें 121 एके सीरीज की राइफलें, 8 एम4 कार्बाइन और 231 पिस्तौल शामिल हैं।
आतंकियों ने कश्मीर में 29 लोगों की हत्या की है जिसमें 21 स्थानीय निवासी और 8 प्रवासी मजदूर थे। स्थानीय लोगों में 3 कश्मीरी पंडितों सहित 6 हिंदू और 15 मुस्लिम थे। आतंकियों के साथ मुठभेड़ों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 14 जवानों सहित 26 सुरक्षाबलों के जवान भी शहीद हुए हैं। बिलावल भुट्टो को अपने दिल पर हाथ रखकर सोचना होगा कि इन हत्याओं मंे पाक का कितना हाथ रहा है।

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