Sunday, May 19, 2024
देशसमाचार

सुझाव की जगह आदेश कब देगा ईसी

भारत निर्वाचन आयोग (ईसी) ने गत 2 मई को राजनीतिक दलों और उनके स्टार प्रचारकों को परामर्श जारी कर कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान संयम बरतने तथा चुनावी माहौल खराब नहीं करने को कहा है। चुनाव लोकतंत्र की शिराएँ और धमनियां है। धमनियों के विषाक्त होने से शरीर बीमार पड जाता है। इसलिए चुनाव आयोग के पास इतनी शक्ति होनी चाहिए कि वो राजनीतिक दलों और उनके प्रचारकों को आदेश दे सके। राजनीतिक दलों के लिए अब सुझाव बेमानी हो गये हैं। दूसरी तरफ ‘चुनाव प्रचार में संवाद के गिरते स्तर’ को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने ‘विशेष रूप से स्टार प्रचारक की वैधानिक स्थिति रखने वाले’ व्यक्तियों द्वारा प्रचार के दौरान ‘अनुचित शब्दावली और भाषा’ के इस्तेमाल किए जाने के दृष्टांतों का उल्लेख किया। निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा, ‘कई शिकायतों व जवाबी शिकायतों में इस तरह के उदाहरण सामने आए हैं और इसने मीडिया का नकारात्मक रूप से ध्यान भी आकर्षित किया है।’ कर्नाटक में 10 मई को होने वाले चुनाव के लिये प्रचार जोरों पर है और इसके मद्देनजर कांग्रेस व भाजपा के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। विषधर और विषकन्या के विषवाण कांग्रेस और भाजपा की तरफ से चलाए जा चुके हैं । इससे चुनाव आयोग को भी तपिश लगी होगी।
चुनाव आयोग की तरफ से यह हिदायत ऐसे समय में आई है, जबकि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एक-दूसरे के खिलाफ गलत शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गत 2 मई को निर्वाचन आयोग के समक्ष बजरंग दल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर कांग्रेस द्वारा किये गये वादे और उसके नेता प्रियंक खरगे द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘नालायक’ कहने का मुद्दा उठाया। दूसरी ओर, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ऐसी टिप्पणियां की हैं, जो नफरती भाषण (हेट स्पीच) के दायरे में आती हैं। पार्टी ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि भाजपा के इन तीनों प्रमुख नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी इस मांग के संदर्भ में आयोग के समक्ष प्रतिवेदन दिया। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा, सलमान खुर्शीद और कुछ अन्य नेता शामिल थे। कांग्रेस ने कुछ दिनों पहले भी निर्वाचन आयोग से आग्रह किया था कि शाह और योगी को चुनाव प्रचार करने से रोका जाए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों भरोसा जताया कि कर्नाटक में पूर्ण बहुमत से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आएगी। कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी 80 के दशक से ही ऐसा कर रही है। उन्होंने पहले भगवान राम को ताले में रखा और अब बजरंग दल के नाम से भी उन्हें परहेज है। बेंगलुरु के आडूगोड़ी जंक्शन से शुरू हुए केंद्रीय मंत्री के रोड शो के दौरान उन्होंने कहा कि मुस्लिम आरक्षण संविधान विरोधी है और इसे कोई भी दल नहीं ला सकता। कांग्रेस द्वारा राज्य में मुस्लिम आरक्षण लाने के वादे से जुड़े सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस की सत्ता ही नहीं आने वाली, तो आरक्षण कहां से आएगा।
केंद्रीय मंत्री का 2 किलोमीटर लंबा रोड शो बेंगलुरु के आडूगोड़ी जंक्शन से आरंभ हुआ था जो कि टोटल मॉल तक गया। दरअसल, ये पूरा इलाका बीटीएम लेआउट विधानसभा में आता है, जहां से श्रीधर रेड्डी भाजपा के उम्मीदवार है। अमित शाह विशेष रूप से ‘डिजाइन’ किये गये एक वाहन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अन्य नेताओं के साथ खड़े थे। रोड शो के दौरान मार्ग के दोनों ओर और आस-पास की इमारतों पर मौजूद लोगों ने शाह का अभिवादन किया। शाह के वाहन के साथ-साथ काफी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता चल रहे थे, जो पार्टी का झंडा लिये हुए थे और भाजपा तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। उन्होंने जय श्री राम, बजरंगबली और भारत माता की जय के नारे भी लगाये। लोगों ने शाह पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं और गृह मंत्री ने हाथ उठाकर उनका अभिवादन किया।
बेंगलुरु के अलावा केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने तुमकुर जिले के गुब्बी और तिप्तुर में, हावेरी जिले के रानेबेन्नूर में और शिमोगा में भी रोड शो किया। बेंगलुरु में उनके साथ पार्टी सांसद तेजस्वी सूर्या थे, तो शिमोगा में शाह के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा और पार्टी के सांसद बी वाई राघवेंद्र मौजूद थे।
गृह मंत्री ने पांचों क्षेत्रों में रोड शो के समापन पर लोगों से भाजपा उम्मीदवार को वोट देने की अपील की और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि मोदी के नेतृत्व में राज्य में ‘डबल इंजन की सरकार’ सत्ता में आए। उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत मुस्लिमों को मिले चार प्रतिशत आरक्षण को रद्द करने की राज्य की भाजपा सरकार के फैसले का भी बचाव करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है। शाह ने गुब्बी में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक के लिए काफी काम किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने मुस्लिमों को मिलने वाला चार प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दिया और वोक्कालिगा, लिंगायत तथा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए ‘कोटा’ बढ़ा दिया।
इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा और कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने भ्रष्टाचार काल में किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही, लेकिन किया नहीं। सिंधानूर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब आप भाजपा का अमृत काल देख रहे हैं, जहां आज एक क्लिक से किसानों के खाते में पैसे पहुंच जाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जब-जब देश पर संकट आया है तब कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं ने उस संकट पर भी राजनीति की है। उन्होंने कहा, ‘आजकल सूडान में गृह युद्ध चल रहा हैं, हाहाकार मचा हुआ, लेकिन हम वहां से एक-एक भारतीयों को ला रहे हैं। यूक्रेन से भी हम भारतीयों को वापस लेकर आये और कांग्रेस ने उस पर भी राजनीति की, लेकिन उसके बावजूद हम एक-एक नागरिक को युद्ध के बीच से लेकर आये। हमने हजारों करोड़ खर्च कर कोरोना काल में मुफ्त टीके लगाए। हमने मुफ्त राशन भी गरीबों को दिया। अगर 85 प्रतिशत वाली सरकार होती, तो गरीब का अन्न भी खा जाती।
पीएम मोदी ने कांग्रेस नेताओं के द्वारा उनके लिए बोले गए हालिया शब्दों को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस यहां की महानता को चूना लगा रही हैं। उनकी भाषा उनके शब्द सुनकर पूरा हिन्दुस्तान हैरान हो रहा हैं। शर्मिंदगी महसूस हो रही है। कांग्रेस के पास न विकास से जुड़ा कोई मुद्दा है और न ही उनके पास कोई विजन बचा है। वो मान मर्यादा का ध्यान भी नहीं रखते हैं।’पीएम ने कहा, ‘अभी कांग्रेस के ओपनिंग बैट्समेन के रूप में हैं और अनुभवी खड़गे जी ने मुझे सांप कहा और कमान पुत्र को सौंप दी। लायक पिता की कमान को लायक पुत्र ने थाम लिया। मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा। कांग्रेस से यही कहूंगा आपको मोदी को जो कहना हो कहिये, लेकिन कर्नाटक की मर्यादा को नीचे मत करिये, राजनीति के स्तर को इतना मत गिराइये। ‘कांग्रेस का घोषणापत्र दिखाता है कि यह पूर्ण रूप से मुस्लिम कट्टरपंथियों का घोषणापत्र है। अगर जिन्ना जिंदा होते तो भी ऐसा घोषणापत्र नहीं बनाते।
इस प्रकार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विष वमन हो रहा है।

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