एक जिला एक उत्पाद का विस्तार
प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ की बहुत बड़ी भूमिका है। आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए परम्परागत उद्योग में वोकल फॉर लोकल के इस अभियान को प्राथमिकता पर आगे बढ़ाना होगा।
उत्तर प्रदेश में एक जनपद एक उत्पाद अर्थात् ओडीओपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अभिनव योजना रही है। अब इसका एक जिला अनेक उत्पाद के रूप में विस्तार हो चुका है। पहले उत्तर प्रदेश के सभी जनपद किसी न किसी विशेष उत्पाद के लिए पहचाने जाते थे। इससे बड़ी संख्या में स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित होते थे किन्तु पिछली सरकारों ने स्थानीय उद्योगों पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया। इससे धीरे धीरे यह पहचान सिमटती गई। योगी आदित्यनाथ ने पिछले कार्यकाल में एक जिला एक उत्पाद योजना लागू की। इनके संवर्धन के लिए व्यापक प्रयास किए गए। योगी आदित्यनाथ लखनऊ में उनसे मिलने वाले विशिष्ट अतिथियों को ओडीओपी उत्पाद ही भेंट करते हैं। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी अभी जी 7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने जर्मनी गए थे। वहाँ उन्होंने सदस्य देशों के नेताओं को ओडिओपी उत्पाद उपहार स्वरूप दिए थे।विकसित देशों के शासकों ने इसमें गहरी दिलचस्पी दिखाई थी। अब ओडीओपी का विस्तार हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को आर्थिक गौरव दिलाने की अनेक योजनाएं शुरू की हैं। ‘एक जिला एक उत्पाद’ उन्ही में से एक है। तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इसकी आधारशिला रखी थी जबकि तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे लांच किया था। व्यापार सुगमता की सूची में उत्तर प्रदेश देश मे दूसरे पायदान पर पहुँच चुका है। इससे सम्बन्धित सुधारों में सिंगल विंडो पोर्टल, भूमि की उपलब्धता और आवंटन, कर भुगतान प्रणाली, पारदर्शी सूचनाएं और ऑनलाइन उपलब्धता, पर्यावरण सुधार, आवश्यक अनुमति का सहजता से मिलना आदि बिंदु शामिल थे। योगी सरकार उद्योग, व्यापार सुगमता, कृषि, आदि सभी मोर्चो पर एक साथ कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार की योजना है कि बड़े पैमाने पर प्रदेश के युवाओं को उनके घर में ही रोजगार मिले। रोजगार के लिए यूपी के युवाओं को किसी
अन्य शहर में जाकर न रहना पड़े। इसलिए उत्तर प्रदेश के नाई, मोची, कारपेंटर, राजमिस्त्री, लोहार अब प्रशिक्षित होंगे। उनको सरकार की तरफ से प्रमाणपत्र दिया जाएगा ताकि पुलिस, नेता, बदमाश उनसे उगाही न कर सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर गांव में नाई, मोची, कारपेंटर, राजमिस्त्री, लोहार आदि पेशे से जुड़े लोग असंगठित रूप से काम करते हैं। पर्यटन को भी रोजगारपरक बनाया जाएगा।यह योजना राज्य सरकार द्वारा पारम्परिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण तथा उसमें अधिक से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करने व उनकी आय में वृद्धि के लिए शुरू की गई है। लोन की मार्जिन धनराशि में पच्चीस प्रतिशत की छूट सरकार दे रही है। इसके साथ ही टूल किट का वितरण भी किया गया। ओडीओपी के तहत सभी जिलों के उत्पाद का उत्पादन वृद्धि के लिये ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रत्येक जिले में सामान्य सुविधा केंद्र भी बनाए जाएंगे। उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हस्तशिल्पियों को ऋण भी उपलब्ध कराए गए। इसके बाद एक जिला अनेक उत्पाद योजना शुरू की गयी।
ओडीओपी के उत्पाद ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन से भी बिकेंगे। पहले फेज में नौ जिलों के उत्पाद इससे बेचे जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार के साथ अमेजन का एमओयू हुआ। अमेजन अपनी वेबसाइट में ओडीओपी की एक माइक्रो साइट विकसित करेगा। इसमें इन जिलों के उत्पाद की बिक्री होगी। ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट, स्नैपडील व अलीबाबा से भी इस बारे में बात चल रही है। गत वर्ष उत्तर प्रदेश ने करीब नब्बे हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा कमाई थी। इस वर्ष एक लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना से राष्ट्रीय निर्यात में भारी वृद्धि का अनुमान है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार परंपरागत उद्योगों से ही मिलेंगे। विदेशी मुद्रा भी इसी से कमाई जा सकती है। जाहिर है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के विकास की व्यापक योजना लेकर चल रहे हैं। इसके लिए वह उपयुक्त माहौल भी बना रहे हैं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में विकास की बयार चल पड़ी है।
प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ की बहुत बड़ी भूमिका है। आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए परम्परागत उद्योग में वोकल फॉर लोकल के इस अभियान को प्राथमिकता पर आगे बढ़ाना होगा। इसके लिए गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है। परम्परागत उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है। इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने अनेक योजनाएं पहले से चल रही हैं। योगी सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू की है। मिट्टी के बने बर्तनों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे कुम्हारों को लाभ मिल रहा है। माटी कला बोर्ड का गठन किया गया। कुम्हारों तथा इस उद्योग से जुड़े लोगों को तालाबों से निःशुल्क मिट्टी दिए जाने का निर्णय लिया है। इलेक्ट्रिक चाक के माध्यम से कारीगरों की क्षमता में कई गुना वृद्धि हुई। योगी ने कहा कि प्रत्येक जनपद को युवा हब के रूप में विकसित किया जाएगा जिसमें प्रथम चरण में तीस हजार से अधिक स्टार्टअप तैयार किये जाएंगे।
पहली बार उत्तर प्रदेश में श्रमिकों और निराश्रित बच्चों के लिए अठारह मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय संचालित किये गये हैं। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के साथ आईआईटी कानपुर, आईआईएम लखनऊ के एमओयू किया गया। योगी ने कौशल सतरंग कार्यक्रम का शुभारम्भ भी किया था। अब उसके बेजतर नतीजे दिखाई पड़ रहे हैं।