महिला कल्याण में नया सोपान
भारतीय संस्कृति में नारी की उपासना की गयी है। उसके लिए कहा गया कि जहां स्त्रियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते है। इसीलिए संभवतः दुनिया में भारत ही ऐसा देश है जहां पृथ्वी को माता कहा जाता है। गंगा माता, गो माता और पकृति माता को इसीलिए पूजनीय माना गया। क्योंकि ये जननी हैं, सृजन करती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में जब केन्द्र की सरकार का पहलीबार नेतृत्व किया, तब महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का वादा किया था। भाजपा शासित राज्य सरकारें भी इसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने महिला सशक्तिकरण के विविध आयामों को ध्यान में रखा है। वृद्ध महिलाएं और विधवा महिलाओं की अलग तरह की समस्या होती है। वाराणसी और वृदावन में बड़ी संख्या में विधवाएं अपना जीवन भजन-कीर्तन करके गुजार रही हैं। वृंदावन में विधवाओं के लिए दो सरकारी और आधा दर्जन गैर सरकारी आश्रम हैं। उनमें रहने वाली संवासिनियों का खर्च राज्य सरकार वहन करती हैं। अब वहां एक नए आश्रम की स्थापना हुई है जिसकों श्यामा दीदी सेवा आश्रम नाम दिया गया है। इस आश्रम में 150 विधवाओं के रहने की व्यवस्था है। विधवा जीवन यापन करना कितना कठिन होता है, यह तो वही महिलाएं समझ सकती है। सरकार ने विधवाओं के प्रति समाज की धारणा को बदलने का भी प्रयास किया है और अब बड़ी संख्या में विधवाएं अपने धर पर ही सम्मान पूर्वक और आत्मनिर्भरता के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश में राधारानी की नगरी वृन्दावन में विधवाओं के लिए विधिवत नये आश्रम की स्थापना की गई है।इस आश्रम में 150 विधवाओं के रहने की व्यवस्था है। वैसे तो वृन्दावन में विधवाओं के लिए दो सरकारी और आधा दर्जन गैर सरकारी आश्रम हैं। डीपीओ अनुराग श्याम रस्तोगी के अनुसार चैतन्य विहार और कृष्णा कुटीर में विधवाओं के लिए जो आश्रम बनाए गए हैं उनमें लगभग सवा 400 संवासिनी रह रही हैं, जिनका पूरा खर्च प्रदेश सरकार वहन कर रही है। इसके अलावा आधा दर्जन आश्रम निजी हैं। एक अनुमान के अनुसार इनमें लगभग एक हजार संवासिनी रह रही हैं जबकि वृन्दावन में निजी तौर से हजारों संवासिनी रह रही हैं और इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है।
इन विधवा माताओं के लिए राजपुर में गुरूकुल के बगल में निजी श्यामा दीदी सेवा आश्रम खोला गया है जिसमें वर्तमान में 130 विधवा माताओं के रहने की व्यवस्था की गई है। अखिल भारतीय चतुः सम्प्रदाय के अध्यक्ष फूलडेाल महराज ने इस आश्रम का उदघाटन करते हुए कहा था कि विधवा माताओं की सेवा करना राधारानी की सेवा करना है।
आश्रम की संचालिका श्यामा दासी ने बताया कि वर्तमान में आश्रम की स्थापना किराये के भवन में की गई है जब कि इनके लिए अलग भवन का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर विधवा माताओं के लिए रहने व सुबह के नाश्ते से लेकर रात के भोजन, चिकित्सा तक की व्यवस्था की गई है। आश्रम में ठाकुर के एक मन्दिर की भी स्थापना की गई है जहां पर बैठकर माताएं भजन कीर्तन करती है। जो माताएं नित्य वृन्दावन के किसी मन्दिर में दर्शन करना चाहती है उन्हें इसकी भी इजाजत दे दी जाती है।
उन्होंने बताया कि वे स्वयं 11 वर्ष की आयु में वृन्दावन ठाकुर का भजन करने आ गई थीं तथा प्रारंभ में वे स्वयं आश्रमों में रही हैं। इन आश्रमों में आनेवाली माताओं की पीड़ा को जब से उन्होंने सुना है तब से उनके मन में यह भाव आया कि उन्हें भी इन माताओं के लिए आश्रम खोलना चाहिए। शुरू में वे यह कार्य बहुत छोटे स्तर पर लगभग एक दशक से कर रही थीं किंतु दानदाताओं की मदद, संतों की कृपा और राधारानी के आशीर्वाद से वे बड़े भवन में माताओं के लिए आश्रम संचालित कर सकी हैं तथा नये भवन का निर्माण भी हो रहा है।
उनका कहना था कि वे वर्तमान भवन में 150 से अधिक माताएं नही रखेंगी क्योंकि उनका मूल उद्देश्य माताओं को धर जैसी सुख सुविधा देना है लेकिन जो युवा माताएं आत्म निर्भर बनने के लिए कोई दस्तकारी या हुनर सीखना चाहेंगी वे उसकी भी व्यवस्था करेंगी।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार धार्मिक नगरियो में विधवाओं के लिए व्यवस्था करने के साथ अन्य कार्य भी कर रही है। इनमें से एक “विधवा पेंशन योजना या पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिलाओं को सहायक अनुदान योजना” भी है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विधवा महिलाओं को सालाना 6000 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे विधवा महिला के बैंक अकाउंट में ट्रासंफर कर दी जाती है।उत्तर प्रदेश विधवा पेंशन योजना 2023 ऑनलाइन आवेदन फॉर्म, सूची, ेेचल.नच.हवअ.पद ैजंजनेरू न्च् टपकीूं च्मदेपवद ल्वरंदं 2023 स्पेजए ।चचसल व्दसपदम क्पतमबज स्पदो ळपअमद इमसवू वद जीपे ूमइ चंहम. यूपी सरकार द्वारा विधवा पेंशन योजना के अंतर्गत सालाना 6000 रुपए की आर्थिक मदद की जाती है। यदि आप भी उत्तर प्रदेश विधवा पेंशन योजना 2023 का लाभ पाना चाहते है तो अभी ऑनलाइन आवेदन करें। राज्य सरकारों द्वारा महिलाओं के कल्याण और मदद के लिए समय – समय पर योजनाएं चलाई जाती है। यूपी सरकार ने “महिला विधवा पेंशन योजना” की शुरुआत विधवा महिलाओं के कल्याण के लिए की है ताकि वो भी अपना जीवनयापन अच्छे से कर पाएं। इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश की गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली विधवा महिलाओं को दिया जाएगा। इसके लिए आयु सीमा 18 वर्ष से 60 वर्ष निर्धारित की गयी है।
राज्य सरकार द्वारा चलायी गयी विधवा पेंशन स्कीम उन महिलाओं के लिए शुरू की गयी है जिनके पति की किसी कारण वश मृत्यु हो चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ऐसी महिलाओं को 500 रूपये हर माह पेंशन के तर पर प्रदान करेगी ताकि वे सभी महिलाएं अपना गुजारा अच्छे से कर सके।
आवेदक विधवा महिला उत्तर प्रदेश राज्य की स्थायी निवासी होनी चाहिए। आवेदिका की आयु 18 वर्ष से कम और 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदिका एंव उसके परिवार की वार्षिक आय सीमा समस्त स्रोतों से 2 लाख रुपये प्रतिवर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदिका राज्य अथवा केन्द्र सरकार की किसी अन्य योजना से पेंशन का लाभ ने ले रही हो। आप केवल एक ही योजना / पेंशन का लाभ पा सकते है। इसके लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता पासबुक, जन्म प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो, पति का मृत्यु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र। इस योजना में पहले सिर्फ तीन सौ रुपये ही मिलते थे लेकिन अब दोगुनी होने के बाद पांच सौ से एक हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलते है।