सैन्य अभ्यास की भेंट चढ़ा इतबायत द्वीप
अमेरिका और फिलीपींस के बीच अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास पिछले दिनों हुआ। यह सैन्य अभ्यास चीन की सेना की ओर से ताइवान की नाकेबंदी के पूर्वाभ्यास के कुछ ही दिन बाद शुरू हुआ था। अमेरिका ने नाकेबंदी के पूर्वाभ्यास को चीन का बढ़-चढ़ कर किया गया सैन्य प्रदर्शन बताया था। दरअसल इस क्षेत्र में तनाव काफी ज्यादा है और इलाके के कुछ छोटे द्वीपों में रहने वाले लोगों की आबादी खुद को दो महाशक्तियों के बीच सैंडविच की तरह फंसा हुआ पा रही है।
इतबायत द्वीप में जीवन की डोर बहुत नाजुक है। फिलीपींस के उत्तरी किनारे पर इस छोटे-से द्वीप को बनाने वाली चूना पत्थर की ऊंची-ऊंची चट्टानें और घुमावदार पहाड़ियां लुजोन जलडमरूमध्य से निकलती हैं। जब मौसम साफ होता है और दिन अच्छा होता है, उस दिन भी नीले समुद्र की लहरें द्वीप की पसंदीदा फ्लाइंग फिश को पकड़ने की उम्मीद में निकले मछुआरों की छोटी-छोटी नावों को उछाल देती हैं। इस द्वीप पर लगभग तीन हजार इवातानी लोग रहते हैं जिनमें मछुआरे और किसान भी शामिल हैं। ये लोग भूकंप, आंधी और सूखे का सामना लगातार करते रहते हैं। लेकिन इन दिनों उन्हें एक नए और अलग खतरे से दो चार होना पड़ा है। दक्षिण चीन सागर में वर्चस्व के लिए अमेरिका और चीन में होड़ देखने को मिल रही है। दोनों सैन्य महाशक्तियों की इस होड़ ने इतबायत द्वीप समूह के लोगों को गंभीर संकट में डाल दिया है। अमेरिका और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर में बढ़ती तनातनी के केंद्र में ताइवान है। ताइवान पर चीन का दावा लगातार मुखर होता दिख रहा है जबकि अमेरिका ताइवान की रक्षा करने के लिए उतनी ही गंभीरता से प्रतिबद्ध दिख रहा है। ऐसे में इतबायत और बास्को – बातानेस से दूर-दराज स्थित फिलीपींस के दोनों द्वीप पर संकट लगातार गहरा रहा है।