नाटू-नाटू के कोरियोग्राफर के घर कभी खाने को नहीं था अनाज
एसएस राजामौली के निर्देशन में बनी आरआरआर फिल्म के गीत ‘नाटु नाटु’ पर देशी ही नहीं विदेशी भी थिरक रहे हैं। 95वें अकादमी पुरस्कारों में बेस्ट मूल गीत का ऑस्कर जीतने वाले इस गाने को संगीत एम एम कीरावानी ने दिया है, गीतकार चंद्रबोस हैं, गाया काल भैरव और राहुल सिप्लीगुंज ने तो नचाया प्रेम रक्षित ने। ‘नाटु नाटु’ का मतलब ही नाचना होता है, राम चरण-जूनियर एनटीआर को शानदार डांस करने के लिए काफी सराहा जा रहा है। प्रेम रक्षित ने इनसे इतने यूनिक हुक-स्टेप्स करवाए हैं कि न चाहते हुए कदम थिरकने लगते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी प्रेम के घर भरपेट खाने लायक अनाज भी नहीं होता था।
कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित ने अपनी लाइफ में काफी संघर्ष किया है। हालात ऐसे हो गए थे कि प्रेम जान देने की सोचने लगे थे। प्रेम की कहानी सुनने के बाद आपको यही लगेगा कि मुश्किलें कितनी भी आए अगर हिम्मत और हौसला कायम रखें तो बुरा वक्त, अच्छे में बदलता ही है। प्रेम ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन उनके काम की चर्चा ग्लोबल स्तर पर होगी। प्रेम रक्षित ने बताया ‘मैंने मुश्किल से 10वीं पास की और टेलर के यहां काम करने लगा। साल 1994 की बात है, एक दिन जब मैं घर लौटा तो मेरा छोटा भाई, जो बोल सुन नहीं सकता था, उसे पेट में भयानक दर्द हो रहा था और वह तड़प रहा था। मां ने बताया कि 2 दिन से कुछ खाया नहीं है। मां के पास एक छोटी सी चांदी की कुमकुम की डिब्बी थी, उसे लेकर मैं पास की दवा दुकान पर गया तो उसने कहा डिब्बी रखो और 20 रुपए दे दिए। मैं उस 20 रुपए से चावल खरीद कर लाया और हम सबने चावल खाया’।