Wednesday, May 8, 2024
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तनाव से मुक्ति देता है मेडिटेशन

 

आज की भागमभाग जिंदगी मंे प्रतिक्षण हमंे तनाव का सामना करना पड़ता है। तनाव के चलते ब्लड प्रेशर जैसी कितनी ही बीमारियां पैदा होती हैं। तनाव के चलते नींद भी ठीक से नहीं आती है। इसलिए थोड़ा समय निकाल कर हमंे मेडिटेशन अर्थात् ध्यान करना चाहिए। मेडिटेशन का अभ्यास वैसे तो दिन मंे किसी भी समय किया जा सकता है लेकिन सुबह सूर्योदय के समय मेडिटेशन सबसे अच्छा प्रभाव डालता है। इससे मन शांत होता है और मस्तिष्क सक्रिय हो जाता है। नींद ठीक से आए, इसके लिए भी कुछ टिप्स हम बता रहे हैं।
मेडिटेशन हमारे फिजिकल, मेंटल और ओवरआल हेल्थ को बहुत लाभ पहुंचाते हैं। इससे हमें कई तरह के फायदे मिलते हैं। छोटी-छोटी बातों में डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ता। इसके साथ ही जानें मेडिटेशन के टिप्स। मेडिटेशन एक अभ्यास है जिसमें कोई व्यक्ति एक तकनीक का उपयोग करके, जैसे माइंडफुलनेस, किसी विशेष वस्तु, विचार या गतिविधि पर ध्यान केंद्रित करता है ताकि फोकस और अवेयरनेस को बढ़ाया जा सके। इसका अभ्यास एक व्यक्ति को मानसिक रूप से स्पष्ट बनाता है और भावनात्मक रूप से शांति और स्थिरता प्रदान करता है। तनावपूर्ण जीवनशैली में मेडिटेशन आपको रिलैक्स करने में मदद करता है। जब अक्सर हमारी इंद्रियां सुस्त हो जाती हैं तो मेडिटेशन हमें जागरूकता बढ़ाने का अवसर देता है। शोध बताते हैं कि मेडिटेशन हमें अस्थायी रूप से तनाव से राहत दे सकता है। इसके आराम और सुखदायक लाभों के कारण, हेल्दी और एक्टिव लाइफ के लिए एक्सपर्ट मेडिटेशन करने की सिफारिश करते हैं।
ध्यान कई प्रकार के होते हैं और इसका प्रत्येक प्रकार शरीर के विभिन्न हिस्सों को टारगेट करने के लिए होता है। आध्यात्मिक गुरुओं और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मेडिटेशन के कई प्रकार विकसित किए हैं जिससे पता चलता है कि मेडिटेशन हर व्यक्तित्व और लाइफस्टाइल के लोगों के लिए अनुकूल है और इसका अभ्यास हर कोई कर सकता है। जो लोग मेडिटेशन करते हैं, उन्हें इसके अभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार करने का मौका मिलता है। ध्यान एक मानसिक व्यायाम है जिसमें रिलैक्सेशन, फोकस और जागरूकता शामिल है। जिस तरह शरीर के लिए शारीरिक व्यायाम काम करता है वैसे ही मेडिटेशन दिमाग के लिए एक अभ्यास है। यह अभ्यास आमतौर पर व्यक्तिगत रूप से बैठकर शांत स्थिति में और आंखें बंद करके किया जाता है।
मेडिटेशन एक अभ्यास है जिसमें कोई व्यक्ति एक तकनीक का उपयोग करके, जैसे माइंडफुलनेस, किसी विशेष वस्तु, विचार या गतिविधि पर ध्यान केंद्रित करता है ताकि फोकस और अवेयरनेस को बढ़ाया जा सके। इसका अभ्यास एक व्यक्ति को मानसिक रूप से स्पष्ट बनाता है और भावनात्मक रूप से शांति
और स्थिरता प्रदान करता है। जेन मेडिटेशन बौद्ध परंपरा का एक हिस्सा है। इसका अभ्यास एक ट्रेंड प्रोफेशनल के मार्गदर्शन में करना चाहिए। इसके अभ्यास में कुछ विशेष स्टेप्स और आसन शामिल होते हैं। यह आपके दिमाग को तेज करने में मदद करता है और आपको तनाव दूर करके रिलैक्सेशन प्रदान करता है।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन या ध्यान का एक रूप है जो अभ्यास करने वाले व्यक्ति को वर्तमान में जागरूक और उपस्थित रहने में मदद करता है। इस मेडिटेशन के अभ्यास से आप खुद को सचेत और सतर्क बना सकते हैं। इसके अभ्यास के दौरान आप अपने आस-पास हो रही सभी गतिविधियों, ध्वनियों और महक पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसका अभ्यास कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है। हिंदू और ईसाई धर्म में पॉपुलर, आध्यात्मिक ध्यान आपको अपने ईश्वर के साथ एक गहरा संबंध बनाने में मदद करता है। इस ध्यान का अभ्यास करने के लिए आपको इतना सुनिश्चित करना है कि आप मौन में बैठें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। ध्यान करते हुए आप का हर एक विचार आपकी सांसों पर केंद्रित होना चाहिए।
कुंडलिनी योग भी ध्यान का एक प्रकार है जिसमें आप शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं। इसमें गहरी सांस लेने और मंत्रों का उच्चारण करने के साथ-साथ कई मवमेंट्स भी शामिल होते हैं। इसके लिए आपको आमतौर पर क्लास लेने की आवश्यकता होती है या फिर आप किसी प्रशिक्षक से सीख सकते हैं। हालांकि, आफ घर पर भी आसन और मंत्र सीख सकते हैं।
मंत्र एक संस्कृत शब्द है जो दो शब्दों से मिलकर बना है मन (उंद) जिसका अर्थ है मस्तिष्क या सोचना और त्रा जिसका अर्थ है रक्षा करना। इसलिए मंत्र का मतलब है अपने मन को मुक्त करना या सोच को मुक्त करना। मंत्र मेडिटेशन का अभ्यास आपके मन को नेगेटिव विचारों से दूर करके इसे सकारात्मकता की ओर ले जाता है।
स्वास्थ्य के लिए नींद भी जरूरी है। बेहतर नींद और स्लीप क्वालिटी बढ़ाने के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी माना जाता है। विटामिन डी और स्लीप क्वालिटी के बीच गहरा संबंध हैं। यहां जानें कि जिन लोगों को इस विटामिन की कमी की वजह से नींद लेने में कठिनाई होती है तो उन्हें कितनी देर धूप में बैठना चाहिए। लगभग हर रोज एक ही समय पर सोने और जागने का एक नियमित समय तय करें, इससे आपके शरीर को अच्छी और बेहतर नींद मिलेगी। सोने के लिए ऐसा समय चुनें जब आपको थकान महसूस हो रही हो और आपको आसानी से नींद आ जाये। आपके आराम करने वाले कमरे का आपके लिये शांतिपूर्ण होना चाहिये। आपके कमरे का तापमान, रोशनी और शोर सभी पूरी तरह नियंत्रित होनी चाहिये, जिससे आपके सोने के कमरे का वातावरण आपके अच्छी नींद लेने मे सहायक बने। अगर आपके पास कोई पालतू जानवर हैं जो आपके साथ आपके कमरे मे सोता हैं, और आपको रात मे परेशान करता हैं तो ज्यादा अच्छा रहेगा आप इसे दूसरे कमरे मे सुला दे ,ताकि आप आराम से सो सके। ऐसे किसी गद्दे पर आराम से सोना मुश्किल है जो या तो बहुत नरम या बहुत कठोर है, या एक बिस्तर जो बहुत छोटा या पुराना है।
नियमित रूप से मध्यम शक्ति वाले व्यायाम करना, जैसे तैराकी या पैदल चलना, दिन भर के तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है।
चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स और कोला जैसी चीजों से दूर रहे, खासकर शाम के समय इन चीजों को न लें। कैफीन आपकी नींद मे बाधा उत्पन्न कर सकता है। (हिफी)

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