प्रसव पीड़ा से जूझती सैनिक की धर्मपत्नी को विकट समय में नहीं मिल पाई एम्बुलेंस
देहरादून,
प्रदेश में लचर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते हुए एक सैनिक की धर्मपत्नी महिला प्रसव पीड़ा से जूझती रही और 108 आपातकालीन सेवा को सूचना देने के एक घंटे बाद भी ना पहंुचने के बाद वहां से गुजर रहे समाजसेवी पंडित मनीष गौनियाल ने अपने साथियों की मदद से प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को चिकित्सालय पहंुचाया जिससे महिला व उसका बच्चा स्वस्थ है। यहां मिली जानकारी के अनुसार हमारे देश के जवान सरहद पर देश की सेवा में जुटे हुए हैं और यहां धरातल पर प्रसव पीड़ा से जूझती सैनिक की धर्म पत्नी को विकट समय में एम्बुलेंस तक नही मिल पा रही है, दूसरी तरफ प्रदेश की अस्थाई राजधानी में सैनिकों के सम्मान में सैन्य धाम बनाने का दावा लगातार किया जा रहा हैं, परंतु मूलभूत सुविधाएं तक प्रशासन इन सैनिक परिवारों को उपलब्ध नहीं करवा पा रहा हैं जो चिंता का विषय है। आज कैमल बैक रोड मसूरी में निकट राधा स्वामी सत्संग ब्यास के समीप सड़क पर एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी, वहीं दूसरी ओर आपातकालीन सेवा 108 को सूचना दिए जाने के बावजूद एक घंटे तक नहीं पहुंची और ऐसे में दून के समाजसेवी पंडित मनीष गौनियाल व समाजसेवी तथा वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र उनियाल जो उस समय अपने साथियों के संग कैमल बैक रूट से वापस अपने घर लौट रहे थे, तभी प्रसव पीड़ा से तड़फती महिला को देख दोनों ने गाड़ी रोक मामला जाना। उन्होंने तुरंत गाड़ी खाली करते हुए महिला और उसके परिजनों को गाड़ी में बैठाया। समाजसेवी देवेंद्र उनियाल को सिविल अस्पताल रवाना किया, जबकि समाजसेवी पंडित मनीष गौनियाल अपने साथियों के संग पैदल ही अस्पताल पहुंचे। अगर समय पर यह फैसला न लिया जाता तो उक्त महिला का बच्चा सड़क पर ही पैदा होने की पूरी संभावना थी और महिला की जिंदगी को भी खतरा हो सकता था। हॉस्पिटल पहुंचते ही तुरंत महिला की डिलीवरी करवाई गई और उन्हें सकुशल पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। डॉक्टरों ने खुद समाजसेवी पंडित मनीष गौनियाल व समाजसेवी देवेंद्र उनियाल को गले लगकर आभार जताया। कहा कि यह सभी देवदूत बनकर आये हैं जिससे महिला व बच्चे की जान बच गई है और दोनों स्वस्थ हैं।