Saturday, May 18, 2024
उत्तराखंड

अवैध रूप से पेड़ काटे की शिकायत पर डीएफओ ने बैठाई जांच

रुद्रपुर। किशनपुर वन क्षेत्र में अवैध कटान की शिकायत पर उपप्रभागीय गौला की रिपोर्ट पर तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफ संदीप कुमार ने जांच बैठा दी है। उन्होंने किशनपुर रेंज के एनएनआर प्लाट किशनपुर उत्तरी बीट प्लाट 4, होरई उत्तरी बीट प्लाट 7 ब, होरई दक्षिणी बीट प्लाट संख्सा 5अ में अवैध पातन की जांच के लिए दो टीम लीडर बनाये हैं। एएनआर प्लाटों में रोहिणी के अवैध पातन वृक्षों से हुई क्षति की काबिंग के लिए टीम गठित की है। जांच के लिये रनसाली और गौला रेंज के अफसरों को लगाया गया है। तराई पूर्वी किशन वन रेंज में तीन प्लाटों पर अवैध कटान की शिकायत है। आरोप है कि काफी संख्या में हरे पेड़ काटे गये हैं। आरोप है कि कटान में रोहिणी के पेड़ भी काटे गये हैं। जो पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। ये पेड़ जंगल में हाथियों का भोजन के लिए लगाये जाते हैं। शिकायतकर्ताओं के अनुसार प्लाटों में कटान का कोई ठेका या टेंडर भी नहीं हुआ है। बावजूद गुपचुप तरीके से हरे भरे व प्रतिबंधित पेड़ काटे गये हैं। किशनपुर रेंज के एसडीओ पूर्व में शिकायत पर जांच कर चुके हैं। एक बार पुन: जांच के आदेश के बाद किशनपुर रेंज में हड़कंप मचा हुआ है। मामले में डीएफओ ने सहायक वन संरक्षक प्रदीप कुमार धौलाखण्डी और गौला के रेंजर आरपी जोशी के नेतृत्व में टीमों का गठन किया है। एक टीम में डिप्टी रेंजर नवल किशोर कपिल, वन दरोगा मदन सिंह बिष्ट, भुवन चंद्र तिवारी, मोनू, भूपाल सिंह करायत, गीता और दूसरी टीम में डिप्टी रेंजर गौला प्रमोद बिष्ट, वन दरोगा नैन सिंह नेगी, गणेश पांडे, राजेंद्र पालीवाल, दीपा आर्या, खड़क सिंह को शामिल किया है। दोनों टीमें किशनपुर रेंज के करीब 170 हेक्टेअर क्षेत्रफल में काबिंग कर अवैध पातन की जांच करेंगे। इस दौरान काबिंग प्लाटों से संबंधित तत्कालीन व वर्तमान बीट एवं अनुभाग प्रभारियों को काबिंग के लिए मौके पर उपस्थित रहने को निर्देशित किया है। तत्कालीन रेंजर किशनपुर त्रिलोक सिंह बोरा को भी स्वयं उपस्थित रहने के लिए निर्देशित किया है। सहायक वन संरक्षक प्रदीप कुमार धौलाखंडी ने बताया कि पूर्व में एसडीओ की जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया जा रहा है। जल्द ही जांच पूरी कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जायेगी।
वन विभाग और निगम कर्मचारियों की हो सकती है मिलीभगत
सितारगंज। जंगलों में हरे पेड़ काटने में वन तस्करों के साथ वन कर्मचारियों व वन निगम कर्मचारियों की मिलीभगत की भी आशंका है। हाल में दक्षिणी जौलासाल रेंज में भी खैर के 26 हरे पेड़ काटे जाने की जांच में पुष्टि हुई थी। जांच रिपोर्ट डीएफओ की ओर से उच्चाधिकारियों को भेजी गयी है। इसमें वन विभाग व वन निगम के कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है।

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