पड़ोस की आपदा, झेल रहा उत्तराखण्ड
पड़ोसी मुल्क नेपाल में बादल फटने से बॉर्डर तहसील धारचूला में भारी तबाही मची है। हालात ये हैं कि दर्जनों घर काली नदी में समा गए हैं। यही नहीं वाहनों के साथ ही कई भवनों व मवेशियों आदि को नुकसान पहुंचा है। साथ ही एक महिला लापता बताई जा रही है। बादल फटने की इस घटना से नेपाल के साथ ही सबसे अधिक तबाही भारत के खोतिला गांव में हुई है। इधर, उत्तराखंड में आज 10 सितंबर के लिए मौसम विभाग ने भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी करते हुए दून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत जिलों में लोगों और विभागों को सतर्क रहने को कहा है।
पिथौरागढ़ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेन्द्र महर ने बताया कि शुक्रवार-शनिवार रात 3 बजे के करीब नेपाल के दार्चुला जिले में बादल फटा, जिसका असर भारत के इलाकों में भी देखने को मिला। विभाग के मुताबिक एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, राजस्व पुलिस के साथ ही रेगुलर पुलिस को आपदा प्रभावित इलाकों में भेजा गया है। लापता महिला की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। साथ ही नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है। एसडीएम धारचूला के अलावा जिले के 2 अन्य एसडीएम को भी मैज्ञके पर भेजा जा रहा है। आसमानी तांडव ने खोतिला के कई घरों को काली नदी में डुबो दिया है। यही नहीं, बादल फटने के बाद धारचूला तहसील मुख्यालय में भी भारी तबाही हुई है। दर्जनों घरों में भारी मलबा घुस गया है, तो कई गाड़ियां भी मलबे की चपेट में आई हैं। भारत और नेपाल को बांटने वाली काली नदी भी उफान पर है। जिस कारण नदी किनारे रहने वालों पर खतरा मंडराया हुआ है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वालों के लिए चेतावनी जारी की है। हालात चिंताजनक इसलिए भी हैं क्योंकि नेपाल के जिस इलाके में बादल फटने की घटना हुई है, वहीं एनएचपीसी का 280 मेगावॉट का पॉवर प्रोजेक्ट भी है। बताया जा रहा है कि नेपाल के दार्चुला जिले में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। शनिवार सुबह से ही जोशीमठ, बद्रीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब तीर्थ में बारिश हो रही है। सुबह तो कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश शुरू हुई, जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।