जानिए पूरी खबर –सीएचसी में मरीजों से वसूले गये अवैध धन की बंदरबांट को लेकर स्टाफ व डाक्टर आमने सामने
तीर्थ चौधरी / सहारनपुर गंगोहँ
सहारनपुर — गंगोहँ सीएचसी पर तैनात एक स्टाफ नर्स ने प्रभारी चिकित्साधिकारी पर अवैध वसूली करने के गंभीर आरोप लगाते हुए संविदाकर्मीयों के वेतन से भी पैसा वसूलने के साथ ही प्रत्येक डिलीवरी के नाम पर 200 रूपयें एवं मरा हुआ बच्चा होने पर भी 100 रुपयें वूसले जाने की शिकायत की है। आरोप है कि इसका विरोध करने पर उसे नोटिस थमा दिया गया है।
इस बात को लेकर भाजपाईयों ने आरोपी डॉ. अंसारी से मिलकर काफी खरी खोटी सुनाई। आईन्दा ऐसा न करने के आश्वासन पर ही भाजपाई शांत हो सके। उधर डाक्टर का कहना है कि एक माह में ही बीस से ज्यादा नवजातों की मौत को लेकर कारण बताओं नोटिस जारी किया था। उधर कांग्रेस नेता व नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन नोमान मसूद ने बच्चों की मौत पर चिंता जताते हुए जहां सीएम से जांच कराने की अपील की है। वही भाजपाईयों को भी सीएचसी प्रभारी के बच्चों की मौत पर कारण बताओं नोटिस को लेकर हंगामा मचाने पर नसीहत दी है।
सीएचसी में संविदा पर तैनात स्टाफ नर्स रीता के अनुसार प्रभारी चिकित्सक डॉ. अंसारी ने संविदा कर्मियों द्वारा वेतन से 2500 रुपये न देने पर उनसे दुर्व्यवहार किया और कार्य में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया था। उन्होने यह भी आरोप लगाया कि सीएचसी प्रभारी प्रत्येक डिलीवरी के लिए 200 रूपयें की वसूली कर रहे है, यहां तक कि मानवीय संवेदनाओं को बलाय ताक पर रखकर मरे हुए बच्चे के पैदा होने पर भी 100 रूपयें वसूले जाते है। गायनी स्टाफ को नोटिस थमाने की खबर पर भाजपाईयों ने नाराजगी जताते हुए भाजपा ने सीएचसी पहुंचकर डॉ. अंसारी द्वारा मरीजों से अवैध वूसली और स्टाफ का उत्पीडन किए जाने पर रोष जताया। जिसे लेकर वहां उनकी प्रभारी चिकित्सक से जमकर गर्मागर्म कहासुनी व बहस हो गई। काफी देर तक हंगामा होता रहा। इसके बाद सांसद और सीएमओ को मामले से अवगत कराने की बात कहकर भाजपाई लौट आए। इस बारे जानकारी लेने पहुंचे पत्रकारों के समक्ष स्टाफ नर्स रीता ने सच्चाई उगल डाली। उधर जांच में पता चला कि इस माह दस नवजात बच्चों की मौत हुई।
उधर सिस्टर इंचार्ज पम्जी खान ने बताया कि इस माह अब तक तीन बच्चों की मौत डिलीवरी के दौरान हुई है। जबकि सात बच्चें प्रसव से पूर्व ही मर गए थे। इनके अलावा आठ बच्चों को गंभीर हालत के चलते जिला अस्पताल रेफर किया गया था।
आपको बता दे कि इस तरह के आरोप कई बार सीएचसी प्रभारी पर लग चुके है। परन्तु साठगांठ करके सीएचसी प्रभारी अनवर अंसारी 10 वर्ष से अधिक समय से इसी सीएचसी मे ड़टा हुआ है।