सीएम योगी ने जमीन और घर की दी सौगात
लखनऊ। बांग्लादेश से 50 साल पहले आए निर्वासित हिंदू परिवारों को अब उत्तर प्रदेश में खेती की जमीन और मकान के लिए सौगात मिली है। लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन परिवारों को पुनर्वास प्रमाण पत्र बांटे और कहा कि पहले की सरकारें इन हिंदू रिफ्यूजियों को लेकर संवेदनहीन बनी रहीं, लेकिन हमने मानवता की मिसाल पेश कर इन्हें पुनर्वसित करने का काम किया। योगी आदित्यनाथ ने इन परिवारों को पट्टे बांटते हुए यह भी कहा कि इन्हें सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
योगी सरकार ने किस तरह इन परिवारों को सौगात दी है, इससे पहले आपको बता दें कि ये उन्हीं 407 हिंदू परिवारों में से हैं, जो 1970 में बांग्लादेश से विस्थापित होकर आए थे। इनमें से 332 परिवारों को देश के विभिन्न हिस्सों में रख गया था। हस्तिनापुर की मदन सूत मिल्स में इन्हें काम दिलवाकर इनके पुनर्वास की कोशिश की गई थी, लेकिन 1984 में मिल बंद हो गई। इसके बाद से मेरठ में 63 परिवार 38 सालों से पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे थे। योगी ने कहा कि इन विस्थापित हिंदू परिवारों का दर्द पिछली सरकारों ने नहीं समझा। योगी सरकार तो पांच साल से है, लेकिन दूसरे कार्यकाल में ही इन परिवारों की सुध क्यों ली गई? जवाब में सरकार का कहना है कि प्रक्रिया 2017 में ही शुरू कर दी गई थी। ‘2017 में हमारे सामने कई चुनौतियां थीं। मुसहर, वनटांगिया कोल, भील, थारू की स्थिति बदहाल थी। हमने मैपिंग करके ऐसे परिवारों को 1.08 लाख मुख्यमंत्री आवास दिए। 2017 में सरकार बनने के बाद 38 वनटांगिया गांवों को विकास से जोड़ा। आजादी के बाद पहली बार उन्हें वोट देने का अधिकार मिला।’ योगी ने कहा, ‘अब इन विस्थापित हिंदू परिवारों के पुनर्वास के लिए एक कॉलोनी के रूप में विकसित करने के कार्य करेंगे। जहां इनके रहने, जीवन जीने की सर्वसुलभता हो। वहां महिलाओं के रोजगार के लिए भी अवसर बनाए जाएंगे। स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने का हमारा प्रयास होगा।’
पूर्वी पाकिस्तान के विस्थापितों को जमीन देने के लिए यूपी सरकार की तरफ से कैबिनेट बैठक में जो फैसला लिया गया था, उसके अनुसार इन परिवारों को इस तरह सौगात मिलेगी।