Monday, May 20, 2024
उत्तर प्रदेश

योगी ने समझदारी से बांटे विभाग

 

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल मंे कई चेहरे नये लाकर लोगों को चौंकाया था। इसके बाद मंत्रियों के विभाग को लेकर चर्चा हो रही थी। मुख्यमंत्री ने विभागों का बंटवारा कर दिया है। उन्हांेने 34 विभाग, जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण और संवेदनशील होते हैं, उनको अपने पास रखा है। राज्य मंे फिर से दो डिप्टी सीएम बनाए गये हैं। इनमे केशव प्रसाद मौर्य पिछली बार पीडब्ल्यूडी विभाग संभाले हुए थे लेकिन इस बार उनसे यह विभाग छीन लिया गया। हालांकि उनके पास ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम्य विकास समेत आधा दर्जन विभाग हैं। इसी प्रकार डा. दिनेश शर्मा की जगह डिप्टी सीएम बनाए गये ब्रजेश पाठक को चिकित्सा शिक्षा समेत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य समेत चार विभाग मिले हैं। कांग्रेस से भाजपा आये जितिन प्रसाद को पीडब्ल्यूडी अर्थात् लोक निर्माण विभाग दिया गया है। माना जा रहा है कि योगी ने ये विभाग बहुत सोच-समझकर बांटे हैं। जितिन प्रसाद जब धौरहरा के सांसद हुआ करते थे, तब वहां की सड़कें देखने लायक थीं। इसी तरह कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल उठाया था। इस बार पूरा का पूरा स्वास्थ्य महकमा उनको सौंप दिया गया है। मंत्रिमंडल मंे एकमात्र मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी को अल्पसंख्यक कल्याण और मुस्लिम वक्फ एवं हज विभाग देकर मुसलमानों को संदेश दिया कि आपकी समस्याएं आपकी बिरादरी का ही व्यक्ति सुलझाएगा। इसी के साथ योगी आदित्यनाथ ने 100 दिन का लक्ष्य भी तय कर दिया है। अर्थात् मंत्रियों को लगभग तीन महीने मंे ही अपना परफारमेंस भी दिखाना होगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री एके शर्मा को नगर विकास विभाग, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को ग्राम विकास विभाग और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह, आवास एवं शहरी नियोजन जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य महिला कल्याण और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगी। नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले नौकरशाह से कैबिनेट मंत्री बने अरविंद कुमार शर्मा को नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा और अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग आवंटित किया गया है। जितिन प्रसाद को लोक निर्माण विभाग सौंपा गया है। सूर्य प्रताप शाही को कृषि मंत्री बनाया गया है। लक्ष्मी नारायण चौधरी को गन्ना विकास और चीनी मंत्रालय, जयवीर सिंह को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय और धर्मपाल सिंह को पशुधन और दुग्ध विकास विभाग सौंपा गया है। नंद गोपाल गुप्ता नंदी को औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन मंत्रालय, भूपेंद्र सिंह चौधरी को पंचायती राज, अनिल राजभर को श्रम, सेवायोजन, समन्वय मंत्रालय, राकेश सचान के हिस्से सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, विभाग आया है। योगेंद्र उपाध्याय को उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी, आशीष पटेल को प्राविधिक शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण एवं बॉट माप मंत्रालय, संजय निषाद को मत्स्य मंत्रालय मिला है।
स्व्तंत्र प्रभार के राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल को आबकारी, मद्य निषेध मंत्रालय दिया गया है। कपिल देव अग्रवाल को व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास मंत्रालय, रवींद्र जायसवाल को स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क, संदीप सिंह को बेसिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। गुलाब देवी को माध्यमिक शिक्षा, गिरीश चंद्र यादव को खेल, युवा कल्याण मंत्रालय और धर्मवीर प्रजापति को कारागार, होमगार्ड्स मंत्रालय मिला है। असीम अरुण समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, जेपीएस राठौर को सहकारिता, दयाशंकर सिंह को परिवहन मंत्रालय और नरेंद्र कश्यप को पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। दिनेश प्रताप सिंह को उद्यान, कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात मंत्रालय, अरुण कुमार सक्सेना के हिस्से वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय आया है। तो वहीं दयाशंकर मिश्र दयालु के हाथ आयुष मंत्रालय आया है। मयंकेश्वर सिंह को संसदीय कार्य, स्वास्थ्य मंत्रालय, दिनेश खटीक को जलशक्ति, संजीव गोंड को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, बलदेव सिंह ओलख को कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान, अजीत पाल को विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय मिला है। जसवंत सैनी संसदीय कार्य, औद्योगिक विकास मंत्री, रामकेश निषाद जल शक्ति मंत्री, और मनोहर लाल मन्नू कोरी श्रम एवं सेवायोजन मंत्री बनाए गए हैं। संजय गंगवार को गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्रालय, बृजेश सिंह को लोक निर्माण, केपी मलिक को वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय मिला है और सुरेश राही को कारागार विभाग दिया गया है। सोमेंद्र तोमर को ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा मंत्री, अनूप प्रधान मुख्यमंत्री से संबद्ध, प्रतिमा शुक्ला महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री, राकेश राठौर गुरू नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री बनाए गए हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन का एजेंडा भी तय कर लिया है। इस दौरान करीब 20 हजार खाली सरकारी पदों को भरने और राज्य के 50 हजार से अधिक बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराना है। योगी सरकार ने लोगों से किए वादों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने के मकसद से सभी सरकारी विभागों को अपने यहां खाली पदों की पूरी लिस्ट बनाकर उनके सामने रखने का निर्देश दिया है, जिससे कि जल्द ही इन सरकारी पदों पर बहाली निकाली जा सके। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में अगले पांच वर्षों के दौरान करीब 5 करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने का भी लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री के मुताबिक वह खुद इस लक्ष्य को पूरा करने पर लगातार नजर रखेंगे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि राज्य में पिछली बीजेपी सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान एमएसएमई और ओडीओपी जैसी स्कीमों के जरिये प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से करीब ढाई करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर मिले। सीएम योगी आदित्यनाथ का अगला लक्ष्य अब इस संख्या को दोगुना करने का है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें। इसके लिए जिला एवं डिविजन के स्तर पर भी स्टार्टअप्स स्थापित करने के निर्देश दिए हैं, जिससे कि युवाओं को अधिक रोजगार मिल सके।

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