Monday, May 20, 2024
उत्तराखंड

कई इतिहास रचते हुए बनी धामी-2 सरकार

उत्तराखण्ड में भाजपा ने पुष्कर सिंह धामी को लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया है। भाजपा की पिछली सरकार में सबसे पहले त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उनके कुछ नीतिगत फैसलों से जनता, विशेष रूप से पुरोहित वर्ग नाराज था इसलिए पार्टी ने उनको सीएम पद से हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया। तीरथ सिंह रावत के सामने तकनीकी मसला खड़ा हो गया क्यांेकि वे उत्तराखण्ड विधानमण्डल के किसी सदन के सदस्य नहीं थे और विधानसभा चुनाव निकट होने से उपचुनाव कराए नहीं जा सकते थे। इसलिए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया। धामी को कार्य करने का बहुत कम अवसर मिला, यह एक कारण है लेकिन वे विधानसभा चुनाव में पराजित हो गये हैं। इसके बावजूद पुष्कर धामी को ही दुबारा मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा के नेतृत्व ने राजनीति के पंडितों को भी चौंका दिया है। अब एक बार फिर पुष्कर धामी के हाथ में उत्तराखण्ड की कमान है। भाजपा ने लगातार दूसरी बार वहां सरकार बनाकर भी एक इतिहास रचा है। धामी ने 23 मार्च को राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उनके शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। पुष्कर धामी के साथ 8 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की है। संघ के कार्यकर्ता से सीएम की कुर्सी तक का सफर संघर्षों से भरा रहा है।
पुष्कर सिंह धामी ने 23 मार्च को देहरादून के परेड ग्राउण्ड पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। उनको राज्यपाल गुरमीत सिंह ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। भाजपा की विधायक दल की बैठक के बाद पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सह पर्यवेक्षक मीनाक्षी लेखी ने पुष्कर सिंह धामी के सर्वसम्मति से नेता चुने जाने का ऐलान किया। पार्टी की राज्य में ऐतिहासिक जीत के बाद भी मुख्यमंत्री धामी अपनी खटीमा विधानसभा सीट नहीं बचा पाए। यही वजह रही कि भाजपा को सीएम का नाम फाइनल करने में 11 दिन का वक्त लगा। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने दिल्ली में मंथन किया।
नए सीएम के नाम की कवायद में उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी हाईकमान का विचार विमर्श हुआ। इसके बाद देहरादून में धामी को विधायक दल का नेता चुना गया।
46 साल के धामी भाजपा के युवा नेता हैं और उत्तराखंड में अभी तक बने सभी मुख्यमंत्रियों में सबसे युवा हैं। धामी का जन्म 16 सितंबर, 1975 को राज्य के सीमांत जिले पिथौरागढ़ की तहसील डीडीहाट के टुण्डी गांव में हुआ है। वहीं, जब वह पहली बार सीएम बने थे तब ऊधम सिंह नगर की खटीमा विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने थे, धामी का ताल्लुक सैन्य परिवार से रहा है और वे तीन बहनों के भाई हैं। उनके पिता पूर्व सैन्य अधिकारी थे। धामी की शुरुआती शिक्षा गांव में हुई और हायर एजुकेशन लखनऊ यूनिवर्सिटी से की है। पुष्कर धामी मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। धामी को पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में महाराष्ट्र और गोवा के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का करीबी माना जाता है लेकिन उनकी छवि एक निर्विवाद नेता की रही है।
पुष्कर सिंह धामी 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहे। इसी दौरान अलग-अलग पदों के साथ-साथ प्रदेश मंत्री के तौर पर लखनऊ में हुए एबीवीपी के राष्ट्रीय सम्मेलन में संयोजक की भूमिका निभाई थी। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद धामी सीएम भगत सिंह कोश्यारी के सलाहकार रहे। पुष्कर धामी 2002 से 2008 के बीच लगातार दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा वह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत को बदलते हुए पिछले कार्यकाल में धामी पर दांव खेला था। यही नहीं, 57 विधायकों की संख्या होने के बावजूद भाजपा ने तीन-तीन मुख्यमंत्री बदल डाले थे। ऐसे में पार्टी की ज्यादा किरकिरी न हो इसलिए धामी पर दांव खेला गया। इसके साथ ही धामी से पहले बने दो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत का संबंध गढ़वाल से रहा है। साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का संबंध गढ़वाल मंडल के हरिद्वार जिले से है। ऐसे में भाजपा आलाकमान ने राजपूत बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले कुमाऊं के नेता पुष्कर सिंह धामी पर दांव खेलना सही समझा था, ताकि कुमाऊं और गढ़वाल को बैलेंस किया जा सके। भाजपा का ये दांव सही साबित हुआ है। आखिर हर बार सत्ता बदलने का दौर इस बार थम गया है। इसके अलावा वह न केवल युवा और ऊर्जावान हैं बल्कि भाजपा ने पहाड़ी राज्य में उनके नाम पर चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की।
पुष्कर सिंह धामी ने दूसरी बार उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। देहरादून के परेड ग्राउंड में हुए भव्य शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने धामी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे।कार्यक्रम में शिरकत करने वाले प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों में अमित शाह और नितिन गडकरी प्रमुख थे। यूपी के मनोनीत सीएम योगी आदित्यनाथ भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। धामी के साथ आठ मंत्रियों ने भी शपथ ली, इसमें से पांच-सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत, रेखा आर्य व गणेश जोशी ने लगातार दूसरी बार मंत्री पद की शपथ ली है। चंदन राम दास, सौरभ बहुगुणा और प्रेम चंद्र अग्रवाल को पहली बार मंत्री बनाया गया है। शपथ ग्रहण समारोह के पहले, पुष्कर धामी ने टपकेश्वर मंदिर में पूजाअर्चना भी थी।हाल ही में घोषित विधानसभा चुनाव परिणाम में बीजेपी ने उत्तराखंड की 70 में से 47 सीट पर जीत हासिल की है और दो-तिहाई से अधिक बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में आई।

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