Wednesday, May 15, 2024
उत्तराखंड

स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में किया प्रदर्शन

रुद्रप्रयाग।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों ने अपनी दो सूत्रीय मांग को लेकर कार्य बहिष्कार जारी रखते हुए बुधवार को मुख्यालय में प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एनएचएम कर्मियों ने कहा कि यदि शीघ्र उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और उग्र करेंगे। एनएचएम कर्मियों का कार्य बहिष्कार 16 वें दिन भी जारी रहा। बुधवार को उन्होंने जिला मुख्यालय में रैली निकालकर जोरदार प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एनएचएम स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मुख्यालय के नये बस अड्डे पर सभा का भी आयोजन किया। जिसमें कर्मचारियों ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के पक्ष में कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात के बाद उनकी ओर से कोई सही जवाब नहीं दिया गया है। यहां तक कि स्वास्थ्य निदेशक ने मौखिक रूप से आश्वासन दिया कि एनएचएम कर्मियों की मांगों पर कार्यवाही कर ली जायेगी, लेकिन कर्मचारियों के हित में कोई भी लिखित आश्वासन नहीं दिया गया है। जिससे कर्मियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनएचएम कर्मी पिछले 17 वर्षो से स्वास्थ्य सेवाओं में पूरी ईमानदारी के साथ सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही कोविड महामारी के दौरान कर्मचारियों ने दिन-रात कार्य किया, बावजूद इसके उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कहा कि 23 दिसम्बर को एनएचएम कर्मचारियों मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे, जबकि 24 को सचिवालय का घेराव किया जायेगा। इसके बाद भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो कर्मचारी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल आंदोलन शुरू कर देंगे। वहीं एनएचएम कर्मचारियों के बहिष्कार के चलते इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हो गई है। इसके अलावा बाल स्वास्थ्य टीकाकरण, जननी सुरक्षा कार्यक्रम, कोविड टीकाकरण, कोविड सैंपलिंग, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम प्रभावित हो गए हैं। इधर, कांग्रेस पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी एवं जिला प्रवक्ता नरेन्द्र बिष्ट नेएनएचएम कर्मियों के आंदोलन को समर्थन दिया और जल्द से जल्द सरकार से कर्मियों की मांगों को पूरा करने की मांग की है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए राज्य सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया और कर्मचारियों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कर्मचारियों का जमकर उत्पीड़न किया जा रहा है, जिसके सापेक्ष उनको दैनिक वेतन देने में भी सरकार द्वारा कंजूसी की जा रही है। स्वास्थ्य मिशन कर्मचारियों की हड़ताल से पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है और सरकार चैन की नींद सोई हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार अपना अड़ियल रुख छोड़े और जल्द से जल्द आंदोलनरत कर्मचारियों की मांगों को पूरा करे, जिससे कर्मचारी वापस अपने कार्य पर लौट जाएं और जनता को स्वास्थ्य सेवाओं में लाभ मिल सके। इस मौके पर विपिन खन्ना, मुकेश बगवाड़ी, डॉ मनवर सिंह रावत, विजय कुमार, नागेश्वर प्रसाद, मनोज पुरोहित, डॉ आशीष थपलियाल, डॉ विजय सेमवाल, सुधीर शुक्ला, हिमांशु नौडियाल सहित ब्लॉक अगस्त्यमुनि, जखोली एवं ऊखीमठ के समस्त कर्मचारी मौजूद थे।

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