Sunday, May 19, 2024
उत्तर प्रदेश

होम्योपैथ चिकित्सा पद्धति में अनेक असाध्य से असाध्य रोगों का उपचार संभव

लखनऊ

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन से वर्चुअली इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथिक फिजीशियन की आगरा शाखा द्वारा आगरा में आयोजित इन्टर-स्टेट होम्योपैथिक कांफ्रेन्स को सम्बोधित किया। बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि एक समृद्ध, सफल एवं सतत भारत के निर्माण के लिये स्वस्थ भारत का होना नितान्त जरूरी है। इसके लिये देश के प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य में सुधार करना चाहिए। उन्होंने होम्योपैथिक चिकित्सकों से कहा कि वे गुणवत्तायुक्त चिकित्सा प्रणाली के निर्माण के लिए निरंतर शोध करें।
राज्यपाल जी ने होम्योपैथ चिकित्सा पद्धति की उत्कृष्टता के बारे में भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इसमें अनेक असाध्य से असाध्य रोगों का उपचार बिना किसी दुष्परिणाम के सम्भव है। इस पद्धति से विभिन्न रोगों का बहुत ही कम खर्च पर उपचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सक जनसामान्य को होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें, ताकि वे इसके लाभ से अवगत होकर अपना सस्ता एवं कारगर इलाज कराकर निरोग रहें।सम्मेलन में प्रतिभाग कर रहे चिकित्सकों से उन्होंने कहा कि वे गरीब महिलाओं और कुपोषण एवं क्षयरोग ग्रस्त बच्चों को चिकित्सा देने के लिए अग्रसर हों। उन्होंने कहा कि ये एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जिसमें कई रोगों का बेहतर इलाज उपलब्ध है, यदि इस विधा के चिकित्सक प्रतिबद्धता के साथ स्लम बस्तियों और गरीबी में रह रहे बच्चों को इलाज उपलब्ध करायेंगे तो वे गम्भीर रोगों से भी मुक्ति प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों तक बच्चों को कुपोषण से मुक्ति प्रदान करने और महिलाओं के स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण वाली दवाइयां उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गरीब महिलाओं तक इस विधा की दवाइयों की उपलब्धता और जानकारी के प्रचार के लिए ऐसे सम्मेलन किए जाने चाहिए।
राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल ने होम्योपैथिक चिकित्सकों से अपील की कि होम्योपैथी प्रणाली को नवीन शोधों के माध्यम से और अधिक सुदृढ़ बनाएं। इसके साथ ही लोगों को सहज इलाज उपलब्ध कराकर स्वस्थ भारत के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दें। सम्मेलन में राज्यपाल  ने होम्योपैथ के जनक सैमुएल फ्रेडरिक हैनीमेन को अपनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की।इस अवसर पर समारोह में उत्तराखण्ड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल के मार्ग दर्शन के लिए आभार व्यक्त किया और चिकित्सकों से महिलाओं और बच्चों के रोगों पर शोध करके इस चिकित्सा पद्धति को और मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करने को कहा। उन्होंने सम्मेलन में इस चिकित्सा पद्धति से अपने स्वयं के इलाज के अनुभवों को भी व्यक्त किया।कार्यक्रम में आगरा शाखा के अध्यक्ष डॉ0 राजेन्द्र सिंह, सचिव डॉ0 अनिल कुमार शर्मा सहित विविध जिलों से आए अन्य विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ चिकित्सक भी आनलाइन जुड़े हुए थे।

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