Saturday, May 4, 2024
राष्ट्रीय

जलवायु परिवर्तन के लिए दीर्घकालिक कोष शीघ्र बने : भूपेंद्र यादव

नयी दिल्ली ।

भारत ने जलवायु परिवर्तन पर सम्बद्ध पक्षों के सम्मेलन (कॉप-26) वायुमंडल का तापमान बढऩे से उत्पन्न चुनौतियों का समना करने में विकासशील तथा गरीब देशों की मदद के लिए दीर्घकालिक कोष की स्थापना जल्द किए जाने पर बल दिया है।
भारत चाहता है कि विकसित देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 100 अरब डालर के योगदान की अपनी पुरानी वचनबद्धता को पूरा करें। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने यूरोपियन ग्रीन डील, यूरोपीय संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष फ्रैंस टिमरमेंस के साथ नयी दिल्ली में हुई द्विपक्षीय बैठक में कहा कि सभी महत्वपूर्ण लंबित मुद्दों को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पारस्परिक रूप से हल किया जाना चाहिए।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार इस बातचीत में श्री यादव ने कहा कि भारत ने जलवायु संबंधी कार्रवाइयों पर नेतृत्व का प्रदर्शन किया है।
भारत की ओर से बैठक में जलवायु संबंधी मजबूत कार्रवाइयों की तत्काल जरूरत पर जोर देते हुए 2020 के बाद की अवधि के लिए दीर्घकालिक जलवायु वित्त की स्थापना की प्रक्रिया शुरू करने और विकसित देशों द्वारा प्रतिबद्ध 100 अरब डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
दोनों पक्षों ने कॉप 26 (कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज-26) से संबंधित जलवायु मुद्दों, यूरोपीय संघ और भारतीय जलवायु नीतियों, यूरोपीय संघ तथाभारत के बीच द्विपक्षीय सहयोग जैसे अलग-अलग विषयों पर चर्चा की।
आगामी कॉप-26 बैठ के बारे में पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सीओपी 26 में सभी महत्वपूर्ण लंबित मुद्दों जैसे अनुच्छेद छह, सामान्य समय सीमा, उन्नत पारदर्शिता ढांचा आदि को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पारस्परिक रूप से हल किया जाना चाहिए।
दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि भारत और यूरोपीय संघ को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन संरचना सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) और पेरिस समझौते के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन को सक्षम करने के लिए कॉप-26 के सफल परिणाम प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
श्री यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हरित ऊर्जा की ओर बढऩे के लिए भारत की महत्वाकांक्षी जलवायु कार्य योजनाओं पर भी प्रकाश डाला, जिसमें अक्षय ऊर्जा, ई-वाहनों सहित सतत परिवहन, ऊर्जा दक्षता, वन और जैव विविधता संरक्षण आदि प्राथमिकता वाले क्षेत्र शामिल है।
जलवायु संबंधी कार्रवाइयों पर भारत के नेतृत्व की सराहना करते हुए श्री टिमरमेंस ने कहा कि 2030 तक भारत के 450 गीगा वाट नवीकरणीय ऊर्जा के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की पूरी दुनिया सराहना कर रही है।
बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि दोनों पक्ष, जलवायु और पर्यावरण पर द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के अवसर तलाश सकते हैं जो कम कार्बन उत्सर्जन की राह को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

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