Sunday, May 5, 2024
उत्तर प्रदेश

प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में महंत की संदिग्ध मौत के बाद सुलतानपुर के दो लोग चर्चा में।

 

सुलतानपुर

मुख्यालय से चालीस किलोमीटर दूर कादीपुर नगर पंचायत के पास स्थित कटसारी गांव के इंदू प्रकाश मिश्रा व लम्भुआ क्षेत्र के पुलिस अफसर ओपी पांडेय का नाम चर्चा में है।महंत आनंद गिरि व नरेंद्र गिरि के बीच हुए समझौते में इनकी महती भूमिका कही जा रही है, लेकिन मौत से जोड़कर नाम आने की बात उठती है ताे उनके गांव के लोग सीधे कहते हैं इदू भैया बेदाग हैं।

इंदू प्रकाश मिश्रा की शिक्षा गांव में जूनियर हाईस्कूल तक ही हुई, फिर दसवीं बारहवीं उन्होंने अयोध्या के जीआइसी में पढा़ई की। 1987 में उच्च शिक्षा के लिए वे प्रयागराज जा पहुंचे। वहीं छात्र राजनीति में कदम रखा और दो दशक के बीच ही सूबे की राजनीति में अपनी पैठ बना ली। सपा सरकार में वे राज्यमंत्री बने तो जिले में भी चर्चा होने लगी। लाल बत्ती से जब भी यहां आते आमजनों के साथ अफसर भी आवभगत की लश्कर में शामिल होते। गांव में उनके पिता गजेंद्र नरायन मिश्रा सरस्वती बालिका इंटर कालेज संचालित करते है।भाई जनार्दन मिश्रा कादीपुर तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे बताते हैं कि नेता जी महीने दो महीने में घर जरूर आते रहते हैं। अभी पिछले महीने ही वे गांव आए थे। धार्मिक प्रवृत्ति के हैं किसी का बुरा नहीं सोच सकते हैं। सुरेश नरायन व राजेंद्र मिश्रा कहते हैं कि इंदू भैया बेदाग हैं उनके खिलाफ आपराधरिक बातें सोचना भी अविश्वस्नीय है। जब जागरण ने इंदू प्रकाश मिश्रा से बात की तो वे बोल पड़े मैने व अपने जिले के लम्भुआ क्षेत्र निवासी पुलिस अफसर ओपी पांडेय ने गुरु शिष्य के बीच समझौता वार्ता कराई थी। उस समय पांडेय अपर पुलिस अधीक्षक थे। उसके बाद क्या हुआ हमें मालूम नहीं। यह सच है कि प्रत्येक मंगलवार अन्य लोगों की तरह मैं हनुमान जी का दर्शन करने अवश्य जाया करता था और गुरु महराज की मुझ पर विशेष अनुकंपा थी। दो संतों के बीच सुलह कराना अब हवन करते हांथ जलने जैसा हो गया है। बाकी मीडिया का प्रचार-प्रसार कुछ ज्यादा है। सच्चाई जल्द ही सबके सामने आ जाएगी।

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