देखिए जो लोग थकान से है परेशान, थकान को देगी मूली आराम ।
मूली जिसे आयुर्वेद मे सफेद व काली मुसली के नाम से जाना जाता है। यह एक वानस्पतिक पौधा है जो एक जङ है। बाजार मे यह सफेद व काली मुसली के नाम से बिकती है। आयुर्वेद के अनुसार मुली मधुर वीयॅवृधक भारी कफनाशक और पेट के अलावे को दूर करती है। यह बवासीर मे थकान मे और रक्त से सम्बंधित बीमारियो मे बहुत लाभदायक है। मुसली को औषधि के रूप मे पेशाब मे परेशानी होने पर एक तोला चूर्ण मे एक तोला मिश्री मिलाकर चन्दन के तेल की दो या तीन बुदं डालकर कच्चे दूध के साथ दिन मे दो बार लेने से पेशाब की परेशानी दूर होती है। दमा होने पर मूली की छाल को छाया मे सुधाकर पान मे रखकर खाने मे आराम मिलता है गुर्दे की पथरी मे भी काली मूली के चुर्ण को तुलसी के साथ लेने से गुर्दे की पथरी गिर जाती है। पागल कुत्ते के काटने पर काली मूली को पीपल के पत्तो के साथ पिसकर कुत्ते की काटी हुई जगह पर लगाने से लाभ पहुँचता है।