व्यापार सभा की बैठक में भीड़े व्यापारी
श्रीनगर गढ़वाल
श्रीनगर व्यापार सभा की बैठक में व्यापारियों के बीच बने गुट आपस में हिसाब-किताब को लेकर बहस करने लगे। बहस इतनी बढ़ गई कि व्यापारी नेता बैठक में ही भीड़ गए। माला बढ़ता देख वरिष्ठ व्यापारियों ने व्यापारी नेताओं को शांत कराया। इसके बाद व्यापार सभा अध्यक्ष दिनेश असवाल ने रविवार की जगह शुक्रवार को साप्ताहिक बाजार बंदी का निर्णय लिया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि बंदी के दौरान कोई दुकान खुली मिली तो 500 रुपये का जुर्माना ठोका जायेगा। इसके बाद भी दुकान खोली तो व्यापारी का बहिष्कार किया जायेगा। श्रीनगर व्यापार सभा की आयोजित बैठक में व्यापार सभा अध्यक्ष दिनेश असवाल ने कहा कि श्रीनगर बाजार में साप्ताहिक बंदी के बाद भी कई दुकानें खुली रहती हैं। उन्होंने कहा कि रविवार की जगह पर अब शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी रहेगी। कहा कि यदि साप्ताहिक बंदी पर कोई व्यापारी दुकान खोलता है तो पहली बार में 500 रुपये, दूसरे बार पकड़े जाने पर एक हजार तथा तीसरी बार पकड़े जाने पर 5 हजार रुपये के जुर्माने के साथ व्यापारी का बहिष्कार किया जायेगा। असवाल ने कहा कि पूर्व कार्यकारिणी द्वारा जो हिसाब किताब देना है, उसके लिए 10 दिन के भीतर व्यापारियों की समिति बैठकर उक्त हिसाब-किताब को क्लीयर करायेगी। तत्पश्चात व्यापारियों की आम सभा कर हिसाब सार्वजनिक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले ही किसी पर दोष-आरोप लगाना ठीक नहीं है। सभी व्यापारियों का पैसा है, मिलजुलकर उक्त मामले को सुलझाया जायेगा। बैठक में उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष वासुदेव कंडारी, महामंत्री दिनेश पंवार, व्यापार सभा के सचिव अमित बिष्ट, सुमन बंटी जोशी, जयदीप रावत, राजेन्द्र बड़थ्वाल, नवजीत जैन, वरिष्ठ व्यापारी नेता सुरेन्द्र चौहान, सुजीत अग्रवाल, देवभूमि सभा के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र मणि मिश्रा, आशीष सडाना, दिनू पंवार, सुंधाशु नौडियाल, जयदेव सडाना, कमल रावत, प्रवीण अग्रवाल, कुंवर सिंह पंवार, देवेन्द्र भट्ट, वरूण कपूर, जयकृष्ण थपलियाल, छवि अग्रवाल आदि मौजूद थे।
व्यापार सभा अध्यक्ष दिनेश असवाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद होने पर कुछ दुकानें जो उल्लंघन कर रही थी, उनकी पुलिस ने वीडियो ग्राफी की थी, किंतु व्यापारियों के हितों को देखते हुए पुलिस से आग्रह कर कोरोना महामारी एक्ट के तहत कानूनी कार्यवाही ना किये जाने की मांग रखी। कहा कि पुलिस और व्यापारियों के बीच आपसी तालमेल बना रहे इसके लिए सभी को कानूनों का पालन करना होगा।