Monday, April 29, 2024
उत्तराखंड

नाग पूजन से दूर होता है कालसर्प दोष: श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

हरिद्वार

नाग पंचमी के अवसर पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने वैदिक मंत्रोचारण के साथ श्रवण नाथ मठ स्थित श्री पशुपति नाथ महादेव का रुद्राभिषेक लोक कल्याण व देश दुनिया के लिए कोरोना मुक्ति की कामना की। इस दौरान भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव को अत्यन्त प्रिय सावन के महीने में आने वाला नाग पंचमी का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण है। सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। भगवान शिव के गले की शोभा नाग उन्हें बहुत प्रिय है। नाग पंचमी पर शिवजी के साथ नागों की भी पूजा अर्चना करने का विधान पौराणिक काल से ही चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करता है। यदि उसकी कुंडली में कालसर्प या पितृ दोष है तो वह समाप्त हो जाता है। नाग पंचमी पर्व कालसर्प दोष को दूर करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन माना गया है। ऐसी मान्यता चली आ रही है जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है। उनके जीवन में कई तरह की बाधाएं आती हैं। जिस कारण से उनका कार्य हमेशा प्रभावित होता रहता है। ऐसे व्यक्ति को किसी भी काम में जल्दी सफलता नहीं मिलती है। नाग पंचमी पर भगवान शिव व माता पार्वती के साथ नागों की पूजा करनी चाहिए। जिससे जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और परिवार में सुख समृद्ध का वास होता है। इस अवसर पर दिगंबर रघुवन, महंत रवि पुरी, संदीप अग्रवाल, प्रतीक सूरी, सुन्दर राठौर आदि मौजूद रहे।

 

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