भाजयुमो प्रदेश मंत्री बनाए जाने पर मचे बवाल के बाद पार्टी ने अरविंद को लखनऊ तलब कर जवाब मांगा
कानपुर
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) में अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू को प्रदेश मंत्री बनाए जाने पर मचे बवाल के बाद पार्टी ने उन्हें लखनऊ तलब कर जवाब मांगा है। अरविंद उर्फ छोटू पर कोतवाली,कल्यानपुर और काकादेव थाने में दर्जनों मुक़दमे दर्ज है। काकादेव थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है।
पार्टी के अंदर इस निर्णय से आक्रोश बढ़ता नज़र आ रहा है। काकादेव थाने के रिकॉर्ड में अरविंद हिस्ट्रीशीटर है। उस पर एक छात्र नेता की हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। हत्या के एक केस में सजा भी मिल चुकी है। उस पर हत्या के प्रयास के दो केस हैं। पहला केस 2002 में अरविंद पर दर्ज हुआ था। 2009 में उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। चार बार पुलिस ने अरविंद पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की। इसके अलावा रंगदारी, मारपीट के अलावा दो केस सेवन सीएलए के भी दर्ज हैं। एक मामले में हत्या का आरोप साबित भी हो चुका है।
मीडिया में आयी खबरों के बाद भाजपा शीर्ष प्रशासन काफ़ी गम्भीर नज़र आ रहा है। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी का कहना है कि पूरा मामला उनके संज्ञान में है। अरविंद त्रिपाठी को लखनऊ तलब कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
भाजयुमो प्रदेश मंत्री ने दी सफाई
इस पूरे मामले में आरोपो के घेरे में आये प्रदेश मंत्री का कहना है, कि उन पर 16 मुक़दमे राजनीति कारणों से बसपा शासन में दर्ज किए गये थे। जिनमें से 15 मामलों में वह बरी हो चुके है। वर्तमान में छात्र राजनीति में फीस बृद्धि का एक मुकदमा उन पर चल रहा है। 2010 से उन पर कोई भी नया केस दर्ज नही किया गया है। हत्या के मामले सहित सभी में वो बाइज्जत बरी हो चुके है। उनको उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा बदनाम किया जा रहा है। वह किसी भी मंच पर आ कर मुकदमों से बरी होने के सबूत पेश करने को तैयार है।