दो किमी दूर से सिर पर पानी ढोकर प्यास बुझाने को मजबूर ग्रामीण
बागेश्वर – गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही नगर से लेकर गांव तक पेयजल संकट पैदा हो गया है। खरही मंडल के सरना गांव में भी पेयजल किल्लत है। चैगांवछीना से बनी योजना शोपीस बनी है। गांव का एकमात्र प्राकृतिक स्रोत दो किमी दूर है। जहां से ग्रामीण सिर पर पानी ढोकर प्यास बुझा रहे हैं। सरना गांव की कुल आबादी 200 के करीब है। यहां 35 परिवार निवास करते हैं। ग्रामीण कृष्णा नेगी ने बताया कि सालों से गांव की हालत कुछ इसी तरह की है। उन्होंने बताया कि चैगांवछीना से बनी पेयजल योजना से गांव में पानी की आपूर्ति की जाती है। गर्मी आते ही पानी कम हो जाता है। जिससे लोगों को नियमित पानी नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि गांव का एकमात्र पेयजल स्रोत नौला है। जो गांव से दो किमी की दूरी पर है। जहां से ग्रामीण पीने, पशुओं को पिलाने और अन्य कार्यों के लिए पानी सिर पर ढोकर लाते हैं। सुबह से शाम तक लगातार पानी लाना पड़ता है। जिससे लोगों के अन्य कामकाज पर असर पड़ रहा है। कई बार ग्रामीण प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। जनप्रतिनिधियों को भी लिखित में दिया गया। कोई लाभ नहीं हुआ। ग्रामीण पूरन सिंह नेगी, कैलाश सिंह नेगी, बहादुर सिंह नेगी, प्रताप सिंह, लीला देवी, पुष्पा देवी, प्रिया नेगी आदि ने बताया कि चुनाव आते ही नेता वोट मांगने आते हैं। उस समय पेयजल योजना का जल्द निदान करने का आश्वासन भी दिया जाता है, लेकिन जीतने के बाद कोई देखने तक नहीं आता। ग्रामीण सालों से पेयजल संकट से जूझने को मजबूर हैं। ऐसे में संपन्न लोग पलायन करने को मजबूर हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए इसी तरह की जिंदगी जीना नियति बन गई है। उन्होंने डीएम से मामले में संज्ञान लेकर गांव को पेयजल संकट से निजात दिलाने की मांग की है।
जीतनगर और बनखोला क्षेत्र जुड़े नगरीय पेयजल योजना से
बागेश्वर। जल संस्थान ने नगरीय पेयजल योजना से जीतनगर तथा बनखोला क्षेत्र को भी जोड़ दिया है। अब उन्हें जल्द योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए विभाग ने रोस्टर भी तैयार कर लिया है। रोस्टर के अनुसार दोनों जगह एक दिन छोडक़र सुबह के समय दौ से ढाई घंटा पानी दिया जाएगा।