कोरोना के गंभीर मरीज बढ़े, रेमडिसिविर इंजेक्शन कम पड़े
मुरादाबाद
जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बहुत तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही गंभीर केस भी काफी वृद्धि हुई है। इन मरीजों के इलाज में प्रयोग होने वाले रेमडिसिवर इंजेक्शनों की कमी पड़ गई है। आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इंजेक्शन मंगाने के लिए इंडेंट कंपनी को भेजा गया। मंगलवार शाम को इन इंजेक्शनों की पांच सौ वाइल पहुंचने से फौरी राहत महसूस की गई। इतने इंजेक्शनों से कोरोना के करीब अस्सी गंभीर मरीजों का इलाज हो सकेगा।
स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित सेंट्रल ड्रगवेयर हाउस के चीफ फार्मासिस्ट शिशुपाल सिंह ने बताया कि एक हफ्ते में रेमडिसिवर इंजेक्शनों की जरूरत बेहद तेजी से बढ़ी। पिछले चार महीने से इनका इस्तेमाल इक्का दुक्का मरीजों पर ही हो रहा था। लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद संक्रमण से पीड़ित कई मरीजों की हालत गंभीर हो जाने के चलते रेमडिसिवर इंजेक्शनों की खपत बहुत तेजी से बढ़ गई। उधर, सेंट्रल ड्रगवेयर हाउस में रेमडिसिवर इंजेक्शन की मात्र अठारह वाइल ही बचने से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई। कोरोना संक्रमित गंभीर एक मरीज को इस इंजेक्शन की छह वाइल लगाई जाती हैं। इंजेक्शन का स्टॉक खाली होने के कारण विभाग की तरफ से इसकी आपूर्ति के लिए आनन फानन में इंडेंट कंपनी को भेजा गया। शिशुपाल सिंह के मुताबिक मंगलवार शाम रेमडिसिवर इंजेक्शन की पांच सौ वाइल पहुंच गईं। इनकी जरूरत बढ़ने के मद्देनजर इंजेक्शन की दूसरी खेप मंगाने का प्रयास भी किया जा रहा है। उन्होंने कोरोना पीड़ित मरीजों को दिए जाने वाले एंटीबायोटिक का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने का दावा किया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.मिलिंद चंद्र गर्ग ने कहा कि रेमडिसिवर समेत कोविड 19 पीड़ित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली सभी दवाओं व इंजेक्शनों की अधिक से अधिक उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने फिलहाल, दवा संकट की स्थिति नहीं होने का दावा किया।