इजरायली राजदूत ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मिलकर लड़ा जाएगा
नई दिल्ली……….
दिल्ली के लुटियंस इलाके में इजरायली दूतावास के बाहर शुक्रवार की शाम को मामूली आईईडी विस्फोट हुआ है। जानकारी के मुताबिक यह धमाका दहशत फैलाने के इरादे से किया गया था। भारत में इजरायल के राजदूत डॉ. रॉन मलका ने घटना के बाद कहा कि सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं। यह आतंकी हमला इजराइली दूतावास पर किया गया था। भारत सरकार के साथ मिलकर जानने की कोशिश की जा रही है, कि हमले में कौन से लोग शामिल थे।
उन्होंने कहा कि हमले के लिए फिलहाल किसी संगठन को जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी होगी। इजरायल और भारत के बीच काफी घनिष्ठता है। जब से यूरोप में इजरायल मिशन को निशाना बनाना शुरू हुआ हैं, तभी से सभी मिशन को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
भारत और इजरायल के संबंध को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, लेकिन दोनों काफी समझदारी से काम कर रहे हैं। आतंकवाद से मिलकर लड़ा जाएगा। इजरायल को भरोसा है कि भारत हमारे मिशन और राजनयिक की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। वहीं इजरायली विदेश मंत्रालय ने घटना को आतंकी वारदात करार दिया है। इजरायली विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस घटना को लेकर विदेश मंत्री गाबी अश्केनजी को नियमित रूप से अपडेट किया जा रहा है। उन्होंने सभी आवश्यक सुरक्षा कदम उठाने का आदेश दिया है। इजरायली दूतावास के पास हुए बम धमाके से जुड़ा एक लिफाफा मिला है। लिफाफे में ब्लास्ट को ट्रेलर बताकर बदला लेने की बात कही गई है। मौके से मिले लिफाफे में 2020 में मारे गए कासिम सुलेमानी और ईरान के वरिष्ठ न्यूक्लियर वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह का भी जिक्र किया गया है।
लिफाफा मिलने के बाद घटना के पीछे ईरान कनेक्शन की आशंका है। इससे पहले साल 2012 में इजरायल की एक कार में धमाका हुआ था। धमाके में 2 ईरानी शामिल थे। ये लोग दिल्ली के पहाड़गंज के होटल में रुके थे। कार में धमाके के बाद ये लोग ईरान फरार हो गए थे। जांच एजेंसियों को इन लोगों की अब भी तलाश है। सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी लिफाफे का टच डीएनए करवाएगी। मोसाद के बारे में कहा जा रहा है कि यह एजेंसी अपने लेवल पर काम करती है। हालांकि अभी तक मोसाद के स्पॉट पर आने की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। लेकिन इस घटनाक्रम पर मोसाद नजर बनाए हुए है। बताया जा रहा है कि जल्द ही मोसाद की टीम भी घटना की जांच करने दिल्ली आ सकती है।