Tuesday, May 14, 2024
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बसपा समेत 20 सियासी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया

नई दिल्ली…….

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग पर केंद्र के रुख तथा जनहित के मामलों पर उसके ढुलमुल रवैए को लेकर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया। बसपा समेत 20 सियासी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार किया है।

बजट सत्र के शुरू होने के एक दिन पहले गुरूवार को कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में 18 विपक्षी दलों ने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। मायावती ने ट्वीट किया बसपा ने तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की देश के आन्दोलनकारी किसानों की मांग केंद्र द्वारा नहीं माने जाने एवं जनहित मामलों में भी लगातार ढुलमुल रवैया अपनाए जाने के विरोध में संसद में होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

उन्होंने लिखा मैं केन्द्र से कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली में स्थिति को सामान्य करने का अनुरोध करती हूं। केंद्र गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए। इस मामले में उत्तर प्रदेश के बीकेयू एवं अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई नजर आती है। सोलह विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी करके राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार की घोषणा की थी। इनके अलावा आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने भी अभिभाषण का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

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