अपर मेलाधिकारी ने ली मेला कार्यों से सम्बंधित समीक्षा बैठक
हरिद्वार,
कुंभ अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र की अध्यक्षता में कुम्भ मेला-2021 के अन्तर्गत हरिद्वार में काराये जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जिसमें डॉ. ललित नारायण मिश्र ने यूपीडीसीसी के अधिकारियों से रोड़ीबेलवाला क्षेत्र में बिजली के खम्भों में लाइटें लगाने, सीसीआर के पीछे फैले तारों को हटाने, नये घाटों में जो डक खुले हैं, उन्हें बन्द करने, टूटी टाइल्स को बदलने, जूता स्टॉल तैयार करने के सम्बन्ध में जानकारी ली। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि ये सभी कार्य एक फरवरी से 05 फरवरी तक पूरे हो जायेंगे। अपर मेलाधिकारी ने सीसीआर के गेट नम्बर-एक एवं गऊ घाट वाले गेट के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुए निर्देश दिये कि इन गेटों के कार्य को पूर्ण कराने के लिये रात-दिन कार्य चलाते हुये सीसीआर के गेट नम्बर-एक को छह फरवरी तक एवं गऊ घाट वाले गेट का कार्य आठ फरवरी तक पूर्ण कर लिया जाये। डॉ. ललित नारायण मिश्र ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि हरकी पौड़ी क्षेत्र मुख्य क्षेत्र है तथा यूपीडीसीसी के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे हरकी पैड़ी पर चल रहे प्रत्येक कार्य को एक सिरे से आरम्भ करते हुये फाइनल टच यथाशीघ्र दें। उन्होंने अधिकारियों को सौल क्षेत्र को यथाशीघ्र खाली कराने के भी निर्देश दिये। अपर मेलाधिकारी ने लकड़ी के पुल, कांगड़ा पुल तथा सतीघाट के पुल के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि ये पुल छह फरवरी तक पूर्ण हो जायेंगे। उन्होंने बैठक में पुलों की सुरक्षा एवं रंगांई-पुताई के सम्बन्ध में भी चर्चा की तथा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से समन्वय स्थापित करते हुये इस कार्य को प्राथमिता के साथ करना सुनिश्चित करें। डॉ. ललित नारायण मिश्र ने समीक्षा बैठक में मौजूद सिंचाई विभाग के अधिकारियों से हरकी पैड़ी क्षेत्र में घाट के मरम्मत का कार्य, अपर गंगा कैनाल घाट का कार्य, आस्था पथ, ऋषिकेश एवं हरिद्वार के कार्यों की प्रगति के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली तथा कार्यों को गुणवत्ता व मानकों का ध्यान रखते यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर उप मेला अधिकारी दयानन्द सरस्वती, अधीक्षण अभियन्ता, तकनीकी प्रकोष्ठ, कुम्भ मेला हरीश पांगती, यूपीडीसीसी सिंचाई सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।