इंटरनेट और मोबाइल ऐप के जरिए युवाओं को कर रहे भर्ती – जानिए क्या है ऐसी टेक्निकल व्यवस्था
श्रीनगर —
भारतीय सुरक्षा बलों की सख्त पहरेदारी के चलते पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में अपनी साजिश में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए, अब उन्होंने इसके लिए नया तरीका निकाला है। आतंकी संगठन अब इंटरनेट और मोबाइल ऐप के जरिए युवाओं की भर्ती कर रहे हैं। इंटेलिजेंस रिपोर्ट और टेक्निकल सर्विलांस के हवाले से सूत्रों ने रविवार को बताया कि भर्ती में शामिल नए लोगों को भड़काने के लिए पाकिस्तान में बैठे के हैंडलर्स फर्जी वीडियो और झूठे दावों के जरिए दिखाना चाहते हैं कि सुरक्षा बल इलाके के लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। ऐसा करके वे युवाओं को आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए उकसाते हैं। इससे पहले आतंकी संगठन युवाओं से फिजिकली संपर्क करते थे। जब से सुरक्षा बलों ने उनकी इस साजिश का पर्दाफाश किया है, तब से उन्हें अपने तरीकों को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है। आतंकी संगठन अब ऑनलाइन युवाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
फेसबुक, यू-ट्यूब के जरिए ट्रेनिंग दे रहे
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरेंडर करने वाले दोनों आतंकी फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के एक हैंडलर के संपर्क में आए थे, जिसने उन्हें भर्ती होने के लिए राजी किया। इसके बाद उन्हंो खालिद और मोहम्मद अब्बास शेख के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि दोनों को यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध लिंक्स के जरिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई। दोनों अपने लोकल कॉन्टैक्ट से सिर्फ एक बार दक्षिण कश्मीर के शोपियां में मिले थे।
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