Sunday, May 19, 2024
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सेंट्रल विस्टा परियोजना को पर्यावरण मंजूरी देने की वकालत, वायु प्रदूषण को लेकर दिशानिर्देश जारी

नई दिल्ली ———

भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने सरकार की अहम सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को पर्यावरण मंजूरी देने की वकालत की है। साथ ही निर्देश दिया है कि इसके डेवलेपर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मौजूदा ढांचों को ढहाए जाने के दौरान कोई वायु प्रदूषण न हो। विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के साथ ही यह परियोजना केंद्रीय पर्यावरण मंत्री द्वारा दी जाने वाली पर्यावरण मंजूरी (ईसी) पाने के और करीब आ गई है।

विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने यह निर्णय 17 दिसंबर को हुई एक बैठक में लिया, जिसका विवरण मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया। केंद्रीय लोक निर्माण विभा (सीपीडब्ल्यूडी) प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन कर रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास, एसपीजी भवन और उपराष्ट्रपति के एनक्लेव के साथ ही साझा केंद्रीय सचिवालय भवन और केंद्रीय सम्मेलन केंद्र का विकास या पुनर्विकास शामिल है। प्रोजेक्ट पर अनुमानित लागत को संशोधित कर 11,794 करोड़ रुपये से 13,450 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

ईएसी बैठक के विवरण के अनुसार, सीपीडब्ल्यूडी ने कहा कि पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआइए) रिपोर्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का प्रभाव शामिल होगा, जिसका मतलब है कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत एक नया पीएमओ भी आएगा। अपने पहले के प्रस्ताव में, सीपीडब्ल्यूडी ने एक नए पीएमओ के निर्माण का उल्लेख नहीं किया था। इसने हाल ही में विशेषज्ञ समिति को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि प्रस्तावित पीएमओ का प्रभाव ईआइए रिपोर्ट में शामिल होगा।

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