दिल्ली सीमा पर किसान आंदोलन की वजह से 14 हजार करोड़ रुपए का नुकसान
नई दिल्ली —-
दिल्ली बार्डर पर पिछले 26 दिन से धरने पर बैठे आंदोलनकारी किसानों के धरने का असर अब कारोबार पर दिखने लगा है। अनुमान है कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में अब तक लगभग 14 हजार करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हुआ है। यह अंदाजा छोटे कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स का है। नुकसान को देखते हुए संगठन ने किसान नेताओं एवं केंद्र सरकार से बातचीत के जरिए इस मसले को हल करने का आग्रह किया है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने यह अनुमान जारी किया है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के कारण लगभग 20 प्रतिशत ट्रक देश के अन्य राज्यों से सामान दिल्ली नहीं ला पा रहे हैं। इस वजह से दिल्ली से अन्य राज्यों को भेजे जाने वाले सामान पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। दिल्ली में हर रोज लगभग 50 हजार ट्रक देश के विभिन्न राज्यों से सामान लेकर आते हैं। इसी के साथ लगभग 30 हजार ट्रक प्रति दिन दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों के लिए सामान लेकर जाते हैं।
किसान आंदोलन की वजह से ट्रकों की आवाजाही प्रभावित हुई है, लेकिन अभी दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं सहित अन्य वस्तुओं की कोई क़िल्लत नहीं है। दिल्ली न तो औद्योगिक राज्य है और न ही कृषि राज्य। लेकिन देश का सबसे बड़ा वितरण केंद्र होने के कारण यहां कई राज्यों से सामान आता है और यहां से उन राज्यों में सामान भेजा जाता है।
दिल्ली में अन्य राज्यों से एफएमसीजी प्रोडक्ट, रोजमर्रा के उपयोग का सामान, खाद्यान्न, फल एवं सब्जी, किराने का सामान, ड्राई फ्रूट, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, बिजली का सामान, दवाइयां, भवन निर्माण का सामान, लोहा – स्टील, कपड़ा, मशीनरी, बिल्डिंग हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाइवुड, रेडीमेड वस्त्र आदि प्रतिदिन बड़ी संख्या में आते हैं। इसी प्रकार अनेक सामान दिल्ली से बाहर भी भेजे जाते हैं।