Monday, May 20, 2024
ट्रैंडिंग न्यूज़दिल्ली

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 45 दिन से ज्यादा नहीं होना चाहिए वेटिंग पीरियड – गहलोत

नई दिल्ली —-

जनकपुरी, लोनी समेत कई जोनल ऑफिसों में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए दो महीने से भी ज्यादा की वेटिंग चल रही है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ड्राइविंग लाइसेंस, ई-गाड़ियों की सब्सिडी, एचएसआरपी समेत कई मसलों पर विभाग के सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग की और जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए। परिवहन मंत्री ने आदेश दिया है कि लर्निंग लाइसेंस व परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए वेटिंग पीरियड 45 दिनों से ज्यादा का नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वेटिंग को कम करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। जनकपुरी और लोनी में दो महीने से भी ज्यादा वेटिंग मिल रही है। मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा हुई कि क्या लाइसेंस के लिए केसों को ऐसे जोन में ट्रांसफर किया जा सकता है, जहां पर लाइसेंस के कम आवेदन आ रहे हैं।

अधिकारियों ने यह भी कहा कि लाइसेंस के लिए बढ़ती वेटिंग को देखते हुए कोविड-19 से पहले जिस तरह से स्लॉट दिए जाते थे, उसी तरह अब फिर से अपॉइन्टमेंट दी जाए। इसके लिए जनवरी 2020 की एवरेज देखी जाए और उसके आधार पर अपॉइन्टमेंट दिया जाए। यानी आने वाले दिनों में अब ज्यादा अपॉइन्टमेंट दिए जाएंगे और वेटिंग को कम किया जाएगा।

मीटिंग मे सूरजमल विहार के एमएलओ की ओर से कहा गया कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बढ़ती वेटिंग का एक बड़ा कारण ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक पर टेस्ट देने वालों का बड़ी संख्या में फेल होना भी है। ज्यादा फेल होने के कारण वे लोग फिर से अप्लाई करते हैं और वेटिग बढ़ती जाती है। मीटिंग में बताया गया कि फेल होने वालों में बहुत सारे लोग अच्छी तरह से ड्राइविंग करना जानते हैं, लेकिन टेक्निकल कारणों के चलते फेल हो जाते हैं।

ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक पर फेल होने के कारणों का पता लगाने के लिए एक कमिटी बनाई गई थी और जल्द ही इस बारे में परिवहन मंत्री फैसला लेंगे। कारणों का पता लगाया जाएगा और उसके आधार पर जरूरी बदलाव किए जाएंगे। दरअसल कई जगह पर ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक पर 50 फीसदी से ज्यादा लोग फेल हो जाते हैं। इसके अलावा वेटिंग को कम करने के लिए कैंडिडेट्स को ड्राइविंग ट्रेनिंग संस्थान में टेस्ट के लिए भेजे जाने पर भी चर्चा हुई। इस बारे में अगले हफ्ते फैसला लिया जाएगा।

परिवहन मंत्री ने आदेश दिया है कि ई गाड़ियों की सब्सिडी में कोई देरी नहीं हो, इसके लिए सभी डीलर्स को एडवाइजरी जारी की जाएगी। दरअसल विभाग को ई सब्सिडी के कुछ केस वापस भेजने पड़ रहे हैं, ऐसे में तय हुआ है कि कुछ सामान्य कारणों के चलते ऐप्लीकेशन को वापस भेजा जा रहा है, उन कारणों के बारे में डीलर्स को एडवाइजरी दी जाए, ताकि एप्लीकेशन में कोई कमी न हो। बैठक में यह बताया गया कि कुछ आवेदन को आरटीओ ऑफिस से लौटाया गया है क्योंकि उनको पूरा नहीं भरा गया था। इसी तरह से आधार लिंक नहीं होने के कारण कुछ आवेदन रिजेक्ट किए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *