Monday, May 20, 2024
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दुश्मन पर नजर रखने को वायुसेना के लिए 6 नए ‘नेत्र’ तैयार करेगा डीआरडीओ

नई दिल्ली —–

भारत स्वदेशी रक्षा इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए 6 नए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल प्लेन्स (एईडब्ल्यूएंडसी) बनाने जा रहा है। इसे एयर इंडिया के विमानों पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा तैयार किया है ताकि चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर भारतीय वायुसेना की निगरानी की क्षमता बढ़ाई जा सके। एईडब्ल्यूएंडसी ब्लॉक 2 विमान का निर्माण डीआरडीओ 10,500 करोड़ रु के प्रोजेक्ट के तहत कर रहा है।

डीआरडीओ एयर इंडिया फ्लीट से 6 विमानों को खरीदेगा और इन्हें राडार के साथ उड़ान भरने के लायक बनाया जाएगा ताकि सशस्त्र बल इसके जरिए 360 डिग्री तक निगरानी रख सकें। 6 एईडब्ल्यूएंडसी ब्लॉक 2 विमान पिछले नेत्र (एनईटीआरए) विमान के मुकाबले अत्याधुनिक होंगे और मिशन के दौरान दुश्मन के इलाके के काफी अंदर तक 360 डिग्री तक निगरानी करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल जाएगी।

एयर इंडिया के फ्लीट पर एईडब्ल्यूएंडसी सिस्टम के निर्माण के प्रोजेक्ट के मायने यह भी हो सकते हैं कि भारत छह एयरबस 330 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की खरीद न करे जिसे पहले यूरोपीय कंपनी से खरीदने की योजना बनाई गई थी।

डीआरडीओ की पहले यह योजना थी कि 6 नए विमानों को यूरोप भेजा जाएगा और वहां पर इसका मॉडिफिकेशन कर असली उपकरण के निर्माताओं की तरफ से इसमें राडार लगाए जाएंगे। प्रोजेक्ट की योजना इस तरह से की गई है कि रक्षा और आत्मनिर्भर भारत में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जा सके। प्रोजेक्ट का ब्लॉक-1 निर्धारित समयसीमा से काफी देरी से तैयार हुआ लेकिन इससे मिले अनुभवों के आधार पर डीआरडीओ के सेंटर फार एयरबोर्न स्टडीज लैब की योजना कम समय में इसे पूरा करने की है। 

वायुसेना के पास रूस और इस्राइल से खरीदे गए तीन फल्कॉन अवॉक्स सिस्टम्स है। इसमें इस्राइल द्वारा राडार उपलब्ध कराए गए हैं जबकि रूस के इल्यूशिन-76 ट्रांसपोर्ट विमान पर इस्तेमाल किया जा रहा है। डीआरडीओ द्वारा उपलब्ध कराए गए दो नेत्र एयरक्राफ्ट ने हाल के समय के संघर्षों में काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया।

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