Monday, May 20, 2024
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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- किसानों की एकता तोड़ना चाहती है सरकार

साहिबाबाद ———–

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हाईवे पर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को सरकार सुन नहीं रही है। आंदोलन लंबा होता जा रहा है, ऐसे में अब सरकार को गोला लाठी देने का समय आ गया है। उन्होंने किसानों से कृषि यंत्रों को लेकर यूपी गेट पहुंचने का आह्वान किया। किसान सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन बात सिर्फ कृषि कानूनों को वापस लेने पर होगी।

किसानों ने रविवार सुबह धरनास्थल पर पूजा पाठ किया। इसके बाद सभी किसान दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे पर चल रहे धरने पर एकत्रित हुए। सुबह करीब 11 बजे किसानों ने पैदल मार्च निकाला। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। हालांकि किसानों का मार्च शांतिपूर्वक रहा। मार्च के बाद किसान एक्सप्रेसवे पर बैठ गए। जिसके बाद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को गोला लाठी की जरूरत है। जिला मुख्यालय घेराव कार्यक्रम के बाद किसान कृषि यंत्रों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। राकेश टिकैत ने कहा कि सोमवार को देशभर में ऐतिहासिक प्रदर्शन होगा। जो किसान व्यस्त हैं या साधन के कारण नही आ पा रहे हैं वह सब स्थानीय स्तर पर  प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान की एकजुटता को सरकार तोड़ना चाहती है, किसान यह जान चुका है। यह आंदोलन एक ऐतिहासिक आंदोलन है। उन्होंने कहा कि व्यवस्थित तरीके और संयम से आंदोलन को आगे बढ़ाना है। इस आंदोलन से किसानों की युवा पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। 

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे किसानों का आंदोलन आगे बढ़ रहा है। कई अन्य संगठन भी समर्थन में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार को वकीलों ने अपना समर्थन दिया था। आज बाल्मीकि समाज के लोगों ने अपना समर्थन दिया है। सिख समाज के लोग बढ़ चढ़कर किसानों का समर्थन कर रहे है। एकजुट होकर हम अपनी लड़ाई लड़ेंगे और कृषि कानून को वापस किए बिना नहीं लौटेंगे।

राकेश टिकैत ने कहा कि अब तक कई दौर की हुई वार्ता में सरकार किसानों के मुख्य मुद्दे पर बात न कर इधर -उधर की बातें ज्यादा करती रही। बार-बार किसानों को मुद्दे से भटकाती रही, इसलिए वार्ता का कोई हल नहीं निकल सका। उन्होंने कहा कि किसान सरकार से आज भी वार्ता करने को तैयार हैं, लेकिन अब सिर्फ कृषि कानूनों को वापस लेने के मुद्दे पर ही बात होगी।

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