सरकार अगर बातचीत करना चाहती है तो औपचारिक न्योता भेजे – किसान नेता राकेश टिकैत
नई दिल्ली —-
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यदि सरकार किसान नेताओं से बातचीत करना चाहती है, तो उसे पिछली बार की तरह औपचारिक रूप से संदेश देना चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि नये कृषि कानूनों को खत्म किए जाने से कम, कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा। सरकार ने बृहस्पतिवार को किसान संगठनों से, उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए अधिनियम में संशोधन करने के उसके प्रस्तावों पर गौर करने का आह्वान किया था और कहा था कि जब भी किसान संगठन चाहें, वह उनके साथ इसपर चर्चा के लिए तैयार है। टिकैत ने कहा, श्श्उसे (सरकार को) पहले हमें यह बताना चाहिए कि वह कब और कहां हमारे साथ बैठक करना चाहती है, जैसा कि उसने पिछली वार्ताओं के लिए किया। यदि वह हमें वार्ता का न्यौता देती है तो हम अपनी समन्वय समिति में उसपर चर्चा करेंगे और फिर निर्णय लेंगे। भाकियू नेता ने कहा कि जबतक सरकार तीनों नये कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करती है तबतक घर लौटने का सवाल ही नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार ने आगे की चर्चा के लिए न्यौता भेजा है तो उन्होंने कहा कि किसान संगठनों को ऐसा कुछ नहीं मिला है। उन्होंने कहा, श्श् एक बात बहुत स्पष्ट है कि किसान नये कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से कुछ भी कम स्वीकार नहीं करेंगे। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में गाजीपुर-दिल्ली बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि शनिवार सुबह विरोध मार्च निकाला जाएगा।