मुस्लिम परिवार जिसे हिन्दू का शव मानकर ठुकराता रहा, वह उनका ही तनवीर का निकला
नई दिल्ली ———–
किसी परिवार के लिए इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि वह जिस शव को किसी हिन्दू का मानकर पिछले डेढ़ साल से शिनाख्त से इनकार करते रहे, वह उनके अपने ही तनवीर का था। वह तनवीर, जिसकी तलाश में परिवार ने बीते डेढ़ साल में न जाने कितने धक्के खाए, कितने शहरों की खाक छानी और खुदा से उसकी सलामती की न जाने कितनी दुआएं मांगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिस लावारिश शव को हिन्दू का बताया था, वह अब डीएनए टेस्ट में तनवीर का निकला। विडंबना की यह कहानी शुरू होती है एक अगस्त 2019 को, जब मुगलपुरा थाना क्षेत्र के घुइयां बाग निवासी तनवीर अहमद अपना ई-रिक्शा लेकर घर से निकला। वह उस दिन वापस नहीं लौटा। परिजनों ने बहुत तलाशा मगर कुछ पता नहीं चला। दूसरे दिन उसका ई-रिक्शा चक्कर की मिलक में लावारिस हाल में खड़ा मिला था जबकि बुरी तरह से जला एक शव अगवानपुर स्थित धारक नगला के पास खंडहर में पड़ा मिला। परिवार वालों ने ई-रिक्शा तनवीर का होने की पुष्टि कर दी लेकिन शव की शिनाख्त से पहले आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सारा मामला पलट दिया।
– क्या है मामला
रिपोर्ट में शव के किसी हिन्दू युवक के होने की आशंका जताई गई थी। इस बीच मामले की जांच कर रहे तत्कालीन सिविल लाइंस थाना प्रभारी शक्ति सिंह ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो तनवीर के दो दोस्त इमरान और आसिफ कैमरे में कैद मिले। उन्हें उठाकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने तनवीर का कत्ल स्वीकार कर लिया। साथ ही बताया कि पहचान छिपाने के लिए उन्होंने चेहरे को तेजाब से जला दिया था। इसके बाद जब पुलिस ने तनवीर के परिजनों को बुलाकर शिनाख्त कराई तो उन्होंने हत्यारोपियों के कुबूलनामे को दरकिनार करते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर शव के तनवीर का मानने से इनकार कर दिया। कई बार की कोशिश के बाद शव को लावारिस के तौर पर हिन्दू रीति से अंतिम संस्कार करा दिया गया। पुलिस ने दो दोनों हत्यारोपियों को जेल भेज दिया मगर परिजन तनवीर को जिंदा मानते हुए पिछले डेढ़ साल से उसे दर-दर तलाश रहे थे। हालांकि पुलिस ने सारी स्थितियों को देखते हुए तनवीर की मां मिसबिल्लाह और बेटे नूर मोहम्मद की डीएनए जांच कराई। पिछले दिनों डीएनए आई डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक धारक नगला में मिला शव तनवीर का ही था। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने अब मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसकी पुष्टि इंस्पेक्टर सिविल लाइंस नवल मारवाह ने भी की है। उन्होंने कहा कि परिवार को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। डीएनए रिपोर्ट के बाद पत्नी नाजरीन, तीन बच्चों और बूढ़ी मां पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। तमाम दुख सहकर भी उन्हें एक न एक दिन तनवीर के लौट आने की उम्मीद थी लेकिन डीएनए रिपोर्ट ने उनकी आखिरी आस भी तोड़ दी।