Sunday, May 19, 2024
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आंदोलनकारी किसान बोले- सरकार नहीं मानी तो एक के बाद एक जाम करेंगे दिल्ली की सड़कें

नई दिल्ली ————

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर अपनी मांगों को लेकर डटे किसानों के आंदोलन का आज 15वां दिन हैं। केंद्र द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने बुधवार को सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। किसान नेताओं का कहना है कि अगर तीनों कानून रद्द नहीं किये जाते, तो वे एक के बाद एक दिल्ली की सड़कों को बंद करेंगे। साथ ही इन कानूनों के विरोध में किसान 14 दिसंबर को राज्यों में जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे और उससे पहले 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग भी बंद किया जायेगा। केंद्र सरकार ने प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया था कि बुजुर्गों और बच्चों को घर वापस भेज दिया जाए, लेकिन इसके बावजूद भी  यूपी गेट पर कई लोगों ने उनके अनुरोध पर को ध्यान नहीं दिया। वहां भीड़ बरकार है।

कृषि कानून के खिलाफ किसानों का विरोध सिंघु बॉडर्र पर 15 वें दिन जारी है। भारतीय किसान यूनियन के मंजीत सिंह ने कहा, ष्सरकार की मंशा किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की है, लेकिन कई और किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। किसान नेताओं ने चेताया है कि यदि तीनों कानून रद्द नहीं किये जाते, तो एक के बाद एक दिल्ली की सड़कों को बंद किया जायेगा और किसान सिंघु बॉर्डर पार कर दिल्ली में प्रवेश करने के बारे में भी फैसला ले सकते हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक किसान ने बताया, ष्सरकार अभी भी लोगों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। लोगों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ रहा, क्या दिक्कत आ रही उस पर सरकार थोड़ा भी ध्यान नहीं दे रही है। सरकार जानबूझकर अड़ी हुई है।ष्

पाल ने कहा कि नए मसौदा में कुछ भी नया नहीं है, जो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान नेताओं के साथ अपनी पूर्व की बैठकों में नहीं कहा हो। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान 14 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के सभी राजमार्गों को बंद करेंगे और जिला मुख्यालयों के साथ ही भाजपा के जिला कार्यालयों का भी घेराव करेंगे। कक्का ने कहा कि अगर तीन कृषि कानून रद्द नहीं किये गए तो किसान दिल्ली की तरफ आने वाले सभी रास्तों को एक-एक कर बंद करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों में कोई मतभेद नहीं है, जैसा कि मीडिया का एक धड़ा (मतभेद) दिखा रहा है।

किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि किसानों ने कानून में प्रस्तावित संशोधन को खारिज कर दिया है क्योंकि वे कानूनों को निरस्त किये जाने से कम कुछ नहीं चाहते। नये कृषि कानूनों पर केंद्रीय गृह मंत्री के, किसानों के 13 प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के एक दिन बाद बुधवार को केंद्र की तरफ से किसानों को प्रस्ताव भेजा गया था। प्रस्ताव में सरकार ने कहा था कि वह वर्तमान में लागू न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को जारी रखने के लिए श्लिखित में आश्वासनश् देने को तैयार है।

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