कुंभ के सर्वाधिक तजुर्बेकार अधिकारी हैं हरबीर सिंह उप्र-उत्तराखंड में विभिन्न पदों पर दे चुके हैं सेवाएं
हरिद्वार —
कुंभ कार्यों को आगे बढ़ा रही मेला प्रशासन की टीम में अपर मेलाधिकारी सरदार हरबीर सिंह सर्वाधिक तजुर्बेकार अधिकारी हैं। जिनके अनुभव व प्रशासनिक क्षमता का लाभ लेते हुए मेला प्रशासन मेले के कार्यों को आगे बढ़ा रहा है। हरबीर सिंह 1986 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर काम करने का लंबा अनुभव है। वह हरिद्वार में 2010 में कुंभ सहित विभिन्न प्रशासनिक पदों पर भी पहले सेवाएं दे चुके हैं। उनका यह अनुभव मेला अधिष्ठान के कार्यों को व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाने के काम आ रहा है। हरबीर सिंह हरिद्वार में 2010 कुंभ मेले में उप मेला अधिकारी रहने के साथ ही सिटी मैजिस्ट्रेट व एसडीएम के रुप में भी काम कर चुके हैं। उन्हें तीन दशक से भी ज्यादा का प्रशासनिक अनुभव है। वह उप्र-उत्तराखंड में म्युनिसिपल कमिश्नर, तहसीलदार, भूमि अध्यापित अधिकारी, एसडीएम, एडीएम सहित विभिन्न पदों पर दायित्व संभाल चुके हैं। कुंभ से जुड़े कुछ अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारी के रुप में हरबीर सिंह प्रशिक्षण भी दे चुके हैं। प्रशासनिक दक्षता के अतिरिक्त कुंभ के मुख्य घटक संतों से उनकी निकटता व मीडिया से बेहतर समन्वय का अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह का अनुभव भी मेला अधिष्ठान के काम आ रहा है। वहीं दूसरी ओर कुंभ में संतों और अखाड़ों को साधना मेला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना रहता है। मेला प्रशासन की बड़ी ऊर्जा संतों की मान-मनौव्वल में ही खर्च हो जाती है। अपर मेलाधिकारी सरदार हरबीर सिंह की संतों से निकटता भी मेला प्रशासन के काम आ रही है। वह संतों के प्रिय कुंभ अधिकारी हैं। लॉकडाउन के दौरान हरबीर सिंह ने संतों से ही सहयोग लेकर जिला प्रशासन की जिम्मेदारियों को आसान बनाया। कुछ समय पूर्व सीसीआर में कुंभ की बैठक में मुख्यमंत्री के समय पर न पहुंचने पर संत मीटिंग का बहिष्कार कर गये थे। बाद में हरबीर सिंह के आग्रह पर ही संत पुनः मीटिंग में पहुंचे।