Saturday, May 18, 2024
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पेय-जल स्रोतों के रासायनिक परीक्षण कराने की सलाह दी

नई दिल्ली

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग तथा जल शक्ति मंत्रालय जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत सार्वभौमिक कवरेज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई प्रगति का मूल्यांकन कर रहे हैं। जल जीवन मिशन (जेजेएम) केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवारध्घर को नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। इस संबंध में वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से एक अर्ध-वार्षिक समीक्षा चल रही है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ग्रामीण परिवारों के नल जल कनेक्शन के व्यवस्थापन की स्थिति के साथ-साथ स्थापित संस्थागत तंत्र और जेजेएम के अंतर्गत सार्वभौमिक कवरेज को सुनिश्चित करने के लिए आगे की रीति को प्रस्तुत कर रहे हैं. त्रिपुरा ने आज राष्ट्रीय जल शक्ति मिशन के समक्ष अपनी मध्यावधि प्रगति प्रस्तुत की।
त्रिपुरा में लगभग 8.01 लाख घर हैं, जिनमें से 1.16 लाख (14ः) घरों के पास नल जल कनेक्शन है। राज्य ने 2023 तक सभी घरों में 100 प्रतिशत नल कनेक्शन देने की योजना बनाई है। राज्य में एक अच्छी पेयजल आपूर्ति अवसंरचना है और सभी 1,178 गावों में जल आपूर्ति योजनाएं हैं। 2020-21 के लिए राज्य का लक्ष्य 3.20 लाख नल जल कनेक्शन प्रदान करना है, और अब-तक 44,000 कनेक्शन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। राज्य नवंबर से आरम्भ करते हुए प्रति माह 50,000 नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए तैयार है, इस प्रकार लगभग 1,500 कनेक्शन प्रति दिन। राज्य ने 2020-21 में 277 ‘हरघरजल’ गांवों और 12 ‘हरघर जल’प्रखंडोंध्ब्लॉकों को प्राप्त करने की योजना भी बनाई है।
राज्य ने अपने सभी 1,178 गांवों में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों का गठन किया है। 250 गांवों ने मिशन के कार्यों को लागू करने के लिए अपनी ग्राम कार्य योजनाओं को पूरा कर लिया है जिसमें अन्य विषयों के साथ-साथ स्रोत सुदृढ़ीकरण, जल आपूर्ति अवसंरचना, धूसर जल प्रबंधन तथा संचालन और रख-रखाव सम्मिलित है। कार्यान्वयन सहायता एजेंसी के रूप में स्वयंसेवी संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), महिला एसएचजी को नियुक्त करने पर बल दिया है, इसका उद्देश्य जल आपूर्ति प्रणाली का नियोजन, कार्यान्वयन तथा संचालन और रख-रखाव स्थानीय समुदाय के हाथ सौंपना है।
राज्य को ग्राम पंचायत पदाधिकारियों के साथ अन्य हितधारकों की क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने तथा ग्राम स्तर पर प्रशिक्षित मानव संसाधनों के एक पूल को सृजित करने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण पर ध्यान देने के लिए भी कहा है, जो जल आपूर्ति प्रणालियों के क्रियान्वयन के साथ-साथ संचालन और रख-रखाव (ओ एंड एम) में बहुत सहायक होगा. राज्य को अनिवार्य रूप से पेय-जल स्रोतों के रासायनिक परीक्षण और जीवाणु-संबंधी परीक्षण कराने की सलाह दी है।

2 thoughts on “पेय-जल स्रोतों के रासायनिक परीक्षण कराने की सलाह दी

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