Saturday, May 18, 2024
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आयुष मंत्रालय ने प्रदेशों में जारी राष्ट्रीय आयुष मिशन की समीक्षा बैठक की

नई दिल्ली —
आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कोविड-19 की स्थितियों के बीच इसके प्रबंधन और एहतियाती उपायों के लिए हाल के महीनों में आयुष मंत्रालय द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान के प्रभावों की समीक्षा बैठक की। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई इस बैठक में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आयुष के प्रधान सचिवों और स्वास्थ्य विभाग के सचिवों ने हिस्सा लिया। कोटेचा ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए हाल ही में जारी किए गए राष्ट्रीय आयुर्वेद और योग प्रावधानों के संदर्भ में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए प्रयासों की प्रशंसा की और राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों में आयुष स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों को शीघ्र संचालित किए जाने की आवश्यकता बताई और कहा कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत जारी को जारी किए गए पैसों तथा खर्च को बेहतर किए जाने की शीघ्र आवश्यकता है। बैठक में इस क्षेत्र के लिए एकीकृत आईटी आधार आयुष ग्रिड परियोजना की स्थापना पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। क्लाउड आधारित आयुष स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना तंत्र ए-एचएमआईएस, जिसके अंतर्गत उपलब्ध सूचनाओं का सभी आयुष प्रतिष्ठान इस्तेमाल कर सकेंगे, का सभी ने स्वागत किया।
ए-एचएमआईएस आयुष ग्रिड परियोजना के अंतर्गत क्रियान्वित की जा रही 14 अलग-अलग पायलट परियोजनाओं में से एक है। आयुष मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ए-एचएमआईएस का इस्तेमाल करने के लिए आमंत्रित किया ताकि अस्पतालों को उनकी विशेषज्ञता और दक्षता के आधार पर सूचीबद्ध किया जा सके। आयुष्मान भारत के अंतर्गत राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किए गए आयुष स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्रों को अति शीघ्र संचालन योग्य बनाए जाने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया। एनएएम के अंतर्गत लागत बढ़ाने पर भी विचार विमर्श किया गया। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उनके क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों के निर्बाध संचालन हेतु आयुष और स्वास्थ्य विभागों के साथ समन्वय के लिए कार्य योजना को तेज करने का अनुरोध किया गया। कोविड-19 महामारी के चलते आयुष से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं की मांग बढ़ी है, इसे देखते हुए यह आवश्यक हो जाता है कि एनएएम के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जाए ताकि आयुष उत्पादों और सेवाओं की जनता की मांग पूरी हो सके।

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