गोदाम मालिकों और कारोबारियों को गृहकर में मिली राहत
नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम से नरेला इलाके में व्यावसायिक संपत्ति अनाज गोदाम मालिकों और किसानों के लिए राहत भरी खबर है। अब व्यावसायिक संपत्ति गोदाम का गृहकर सेक्टर-दो के हिसाब से चुकाना होगा। पहले निगम सेक्टर-चार के हिसाब से गृहकर मांग रहा था, लेकिन उत्तरी निगम के महापौर जयप्रकाश और दिल्ली ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के बीच हुई बैठक में सेक्टर-दो के हिसाब से गृहकर चुकाने का फैसला लिया गया। महापौर का कहना है कि गोदामों से निगम को लगभग 120 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकेगा। उत्तरी दिल्ली निगम के नरेला और सिविल लाइंस जोन के तहत बाहरी दिल्ली की तरफ के गांवों लिबासपुर, बूढृपुर, बकोली, अलीपुर, नरेला, बवाना सहित अनेक स्थानों पर गांव के किसानों और दिल्ली के अनाज कारोबारियों ने अनाज गोदाम बना रखे हैं। इन व्यावसायिक गोदामों की संख्या करीब चार हजार से अधिक बताई जाती है। गृहकर की दृष्टि से ये गोदाम व्यावसायिक संपत्ति के तहत आते हैं, इसलिए निगम इनका हाउस सेक्टर-चार के हिसाब से यानी चार गुना देने को कह रहा था। यह मसला काफी समय से लंबित पड़ा था। इस संबंध में महापौर जेपी का कहना है कि नवरात्र के पहले दिन अनाज कारोबारियों और गोदाम मालिक के साथ सुबह बैठक हुई, जिसमें गृहकर के अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि गोदाम मालिक टैक्स न तो सेक्टर चार के हिसाब से देंगे और न ही सेक्टर के हिसाब से। अब गोदाम मालिकों को सेक्टर दो के हिसाब से गृहकर देना होगा। महापौर का कहना है कि इस फैसले का जल्द ही नोटिफिकेशन कर दिया जाएगा। वहीं नवरात्र के पहले दिन को नरेला में संपत्ति कर कैंप लगाया गया, जिसमें 112 गोदाम मालिकों ने टैक्स जमा कराया।