Tuesday, May 14, 2024
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मुख्तार अंसारी के बेटों की गिरफ्तारी पर रोक की याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित

लखनऊ —

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटों की गिरफ्तारी पर रोक की याचिका पर आदेश सुरक्षित कर लिया है। याचिका में मुख्तार अंसारी और उसके बेटों पर दर्ज एफआईआर रद्द करने की भी मांग की गई है। हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने याचिका पर अंतरिम आदेश सुरक्षित रखा है। याचिका में हजरतगंज कोतवाली में दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की गई है। यह एफआईआर निष्क्रान्त संपत्ति पर कब्जा कर अवैध निर्माण की है। उल्लेखनीय है कि लखनऊ पुलिस ने मुख्तार के दोनों बेटों अब्बास और उमर अंसारी पर शिकंजा कस दिया है। दोनों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया है। लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि यह कार्रवाई सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण के मामले में दर्ज मुकदमे में की गई है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में गैर जमानती वारंट के लिए प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया है। बता दें कि इस मामले में जियामऊ के लेखपाल सुरजन लाल ने मुख्तार अंसारी और उनके बेटे उमर व अब्बास के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में जालसाजी, साजिश रचने, जमीन पर अवैध कब्जा करने के आरोप में केस दर्ज कराया था। उधर मुख्तार की भाभी फरहत अंसारी के लखनऊ के डालीबाग स्थित मकान को ढहाने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
बीते 29 सितंबर को लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी की ओर से इसके ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए गए थे। वीसी ने फरहत अंसारी के मकान के नक्शे और परमिट को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद फरहत ने वीसी के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी थी। साथ ही दूसरी याचिका में कारण बताओ नोटिस और गाटा संख्या 93 को निष्क्रन्त संपत्ति घोषित किए जाने के एसडीएम सदर के 14 अगस्त के आदेश को भी चुनौती दी गई थी।
वहीं एलडीए की ओर से कहा गया था कि फरहत अंसारी का घर जिस गाटा संख्या 93 पर बना है वो निष्क्रन्त संपत्ति है, जिस पर किसी भी तरह का निर्माण अवैध है। जिस पर फरहत ने दलील दी थी कि वह उस जगह पर वर्ष 2007 से रह रही हैं। जबकि 14 अगस्त, 2020 को राजस्व अधिकारियों ने उस गाटा संख्या को निष्क्रन्त संपत्ति घोषित कर दिया था, और एलडीए ने उसी दिन उनके खिलाफ नोटिस जारी कर दिया कि क्यों न उनके घर का नक्शा रद्द कर दिया जाए। इस आदेश के खिलाफ मुख्तार की भाभी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। लेकिन 29 सितंबर, 2020 को आदेश जारी कर एलडीए ने नक्शा खारिज कर दिया था।

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