विश्व धरोहर नंदा देवी पर पड़ रहा ग्लोबल वार्मिंग का असर
देहरादून —
विश्व धरोहर दर्ज नंदा देवी पर्वत पर मौसम के बदलाव का व्यापक असर पड़ा है। प्रदेश के कुछ वैज्ञानिकों ने हाल में एक शोध किया है, जिसमें सामने आया है कि नंदा देवी के आठ मुख्य ग्लेशियरों का करीब 26 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र कम हुआ है।
क्वाटरनरी इंटरनेशनल में जून में प्रकाशित एक अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र के मुताबिक क्षेत्र में 1980 के बाद से ही बारिश कम हो रही है और ग्लेशियरों पर इसका प्रभाव पड़ा है। इस शोध में चंगबांग, रमानी, बर्थातोली, नंदा देवी उत्तर और दक्षिण, रौंथी, दक्षिण ऋषि गंगा और त्रिशूल ग्लेशियर का अध्ययन किया गया।ऋषि गंगा का जल संग्रहण क्षेत्र करीब 690 वर्ग किलोमीटर का है। 1980 में यहां ग्लेश्यिर करीब 243 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए थे। 2017 तक आते-आते इस क्षेत्र में ग्लेश्यिर करीब 26 वर्ग किलोमीटर कम हो गए।
शोध में पाया गया कि 1980 के बाद से क्षेत्र में बारिश कम हो रही है। वैश्विक तापमान बढ़ने के कारण भी ग्लेश्यिर सिकुड़ रहे हैं। इस शोध में नंदा देवी में ऋषि गंगा जल संग्रहण क्षेत्र के आठ ग्लेश्यिरों के बदलाव का 1980 से लेकर 2017 तक का अध्ययन किया गया। सेटेलाइट डाटा, स्थानीय मौसम केंद्रों से प्राप्त जानकारी का उपयोग किया गया।